Edited By Ramkesh,Updated: 16 Aug, 2025 06:09 PM

जिले में फर्जी शस्त्र लाइसेंस पर अवैध तरीके से कारतूस खरीद-बिक्री करने वाले गैंग का भंडाफोड़ हुआ है। हंसवर थाना पुलिस और एसओजी टीम ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए पांच आरोपितों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपितों के कब्जे से 9 जिंदा कारतूस, दो फर्जी...
अम्बेडकरनगर (कार्तिकेय द्विवेदी ): जिले में फर्जी शस्त्र लाइसेंस पर अवैध तरीके से कारतूस खरीद-बिक्री करने वाले गैंग का भंडाफोड़ हुआ है। हंसवर थाना पुलिस और एसओजी टीम ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए पांच आरोपितों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपितों के कब्जे से 9 जिंदा कारतूस, दो फर्जी शस्त्र लाइसेंस और एक बाइक बरामद की है।

फर्जी लाइसेंस पर हजारों कारतूस की खरीद-फरोख्त
पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि अवध गन हाउस का मालिक और उसका मुनीम फर्जी शस्त्र लाइसेंस पर मानक से अधिक कारतूस बेच रहे थे। आरोप है कि सिर्फ पिछले एक साल में ही करीब एक हजार कारतूस, जबकि वर्ष 2021 से अब तक लगभग पांच हजार कारतूस फर्जी लाइसेंस के जरिए बेचे गए।
आजमगढ़ से दिखाए गए फर्जी लाइसेंस
गिरफ्तार किए गए आरोपितों ने पुलिस को बताया कि कारतूस खरीदने के लिए आज़मगढ़ जनपद से जारी फर्जी शस्त्र लाइसेंस दिखाए जाते थे। इन लाइसेंस के आधार पर बड़े पैमाने पर कारतूस खरीदे और बेचे गए। ज्ञानचन्द्र जब कारतूस देने हंसवर आया तो पुलिस ने उसे दबोच लिया। उसके पास से 5 कारतूस और दो शस्त्र लाइसेंस बरामद हुए जो देखने पर फर्जी दिखाई दिए,,इस पर सम्बंधित थाने से इनका सत्यापन कराया गया तो थाने बके रिकार्ड में उपलब्ध नही थे। पते का सत्यापन कराया गया तो सम्बंधित व्यक्ति मौजूद मिले,, उनके द्वारा बताया गया कि उनके द्वारा कि उनके द्वारा लाइसेंस के लिए आवेदन किया गया था लेकिन लाइसेंस मिला नहीं था,, इन्ही दोनो फर्जी शस्त्र लाइसेंसों पर अवध गन हाउस अकबरपुर से भारी मात्रा में कारतूस खरीदे गये थे,, जब इस गन हाउस की गहनता से जांच हुई तो पाया गया कि कारतूस बेचने में मानकों का पालन नही किया है,, इन्ही फर्जी लाइसेंसों पर इसी बर्ष लगभग आठ सौ से अधिक कारतूस बेचा गया है। यह गोरखधंधा पिछले पांच वर्षो से चल रहा है,,2021 से लगभग 5 हजार कारतूस अवैध रूप से बेचे जाने की बात सामने आ गयी है।
गन हाउसों की जांच शुरू
एसपी अम्बेडकरनगर ने प्रेसवार्ता कर पूरे मामले की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस गिरोह की गिरफ्तारी के बाद जिले के सभी गन हाउसों की गहन जांच शुरू कर दी गई है। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि और किन गन हाउसों ने फर्जी लाइसेंस पर कारतूस की बिक्री की है।