Edited By Anil Kapoor,Updated: 15 Aug, 2025 09:28 AM

Lakhimpur Kehri News: उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में एक भावुक कर देने वाला हादसा हुआ है। जहां बीते गुरुवार को निघासन थाना क्षेत्र के ग्रांट नंबर 12 गांव में स्थित एक प्राचीन शिव मंदिर कुछ ही सेकंड में शारदा नदी में समा गया। इस मंदिर के डूबने...
Lakhimpur Kehri News: उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में एक भावुक कर देने वाला हादसा हुआ है। जहां बीते गुरुवार को निघासन थाना क्षेत्र के ग्रांट नंबर 12 गांव में स्थित एक प्राचीन शिव मंदिर कुछ ही सेकंड में शारदा नदी में समा गया। इस मंदिर के डूबने का वीडियो गांव के लोगों ने अपने मोबाइल में रिकॉर्ड किया, जो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। जब मंदिर ढहता हुआ नदी में गिरा, तो वहां मौजूद लोग भावुक हो गए और 'जय श्री राम' के नारे लगाते नजर आए। कुछ लोगों की आंखों में आंसू थे, क्योंकि यह मंदिर सिर्फ एक इमारत नहीं, गांव की आस्था का केंद्र था।
नदी के कटान से बदल गया गांव का नक्शा
ग्रामीणों का कहना है कि शारदा नदी का यह किनारा सालों से कटान की चपेट में रहा है, लेकिन पिछले कुछ सालों में यह खतरा और ज्यादा बढ़ गया है। पिछले साल गांव के 12 मकान भी नदी में समा गए थे। अब जहां कभी खेत और घर थे, वहां सिर्फ बहती हुई नदी और खाली जमीन रह गई है। गांव के एक बुजुर्ग महेश कुमार ने बताया कि हम बचपन से इस मंदिर में पूजा करते आ रहे हैं। ये हमारे पूर्वजों के समय का बना हुआ था। पिछले कुछ महीनों से मंदिर के पास नदी की धार तेज हो रही थी, और आज... सब कुछ खत्म हो गया।
10 सेकंड में बह गया मंदिर, गांव में गूंजे नारे
बताया जा रहा है कि बीते गुरुवार को जैसे ही नदी का पानी मंदिर की नींव तक पहुंचा, जमीन धीरे-धीरे खिसकने लगी। कुछ ही पलों में मंदिर का ऊपरी हिस्सा हिलता दिखा, फिर झुकता चला गया और पूरा मंदिर 10 सेकंड में नदी में समा गया। ग्रामीणों ने इस मंजर को कैमरे में कैद कर लिया। वीडियो में लोग जय श्री राम के नारे लगाते नजर आते हैं और कुछ लोग हाथ जोड़कर मंदिर को अंतिम विदाई देते हैं।
मंदिर सिर्फ इमारत नहीं, गांव की आत्मा था
यह मंदिर सिर्फ पूजा का स्थान नहीं, बल्कि गांव की पहचान और लोगों की आस्था का प्रतीक था। यहां हर साल महाशिवरात्रि और सावन में विशेष पूजा होती थी। अब जब मंदिर की जगह सिर्फ बहती नदी दिख रही है, तो गांव के लोग टूटे हुए महसूस कर रहे हैं।कमला देवी, जो रोज मंदिर जाया करती थीं, ने दुख जताते हुए कहा कि हमने कई बार प्रशासन से कटान रोकने की मांग की, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। अब हमारा मंदिर चला गया... और हमारे घर भी खतरे में हैं।
प्रशासन के सामने बड़ी चुनौती, ग्रामीणों की नाराजगी
शारदा नदी नेपाल से होकर लखीमपुर खीरी पहुंचती है। बारिश के मौसम में इसका जलस्तर कई गुना बढ़ जाता है, जिससे तेज धार से नदी किनारे की मिट्टी बह जाती है और गांव अंदर तक कटने लगते हैं। निघासन के एक अधिकारी ने बताया कि कटान रोकने के लिए कोशिशें हो रही हैं, लेकिन तेज बहाव और बरसात में स्थायी समाधान कर पाना मुश्किल हो जाता है। फिलहाल प्रशासन की ओर से गांवों का सर्वे किया जा रहा है और जरूरत पड़ने पर लोगों को सुरक्षित जगह बसाने की योजना बनाई जा रही है।
सोशल मीडिया पर भी चर्चा तेज, भावुक हुए लोग
जैसे ही मंदिर के गिरने का वीडियो वायरल हुआ, सोशल मीडिया पर लोगों की भावनाएं उमड़ पड़ीं। कई लोग इसे प्रकृति की ताकत मान रहे हैं, तो कुछ ने प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया। किसी ने लिखा कि मंदिर तो चला गया, लेकिन हमारी आस्था हमेशा कायम रहेगी।