Edited By Ramkesh,Updated: 07 Aug, 2025 05:54 PM

जिले में एक वकील और उसके सहयोगी को जबरन वसूली गिरोह संचालित करने और एक भाजपा नेता समेत कई हाई-प्रोफाइल लोगों को ब्लैकमेल करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। पुलिस उपायुक्त (दक्षिण) दीपेंद्र नाथ चौधरी ने बृहस्पतिवार को बताया कि वकील अखिलेश दुबे और...
कानपुर: जिले में एक वकील और उसके सहयोगी को जबरन वसूली गिरोह संचालित करने और एक भाजपा नेता समेत कई हाई-प्रोफाइल लोगों को ब्लैकमेल करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। पुलिस उपायुक्त (दक्षिण) दीपेंद्र नाथ चौधरी ने बृहस्पतिवार को बताया कि वकील अखिलेश दुबे और उसकी सहयोगी लवी मिश्रा को बुधवार रात कानपुर पुलिस ने जबरन वसूली रैकेट का भंडाफोड़ करने और भू-माफियाओं से निपटने के लिए एक महीने तक चले 'ऑपरेशन महाकाल' के तहत गिरफ्तार किया गया।
भाजपा नेता से धन ऐंठने का आरोप
उन्होंने बताया कि दोनों पर धन ऐंठने के लिए भाजपा नेता रवि सतीजा समेत कई लोगों को बलात्कार के झूठे मामले दर्ज कराकर फंसाने का आरोप है। उन्होंने बताया कि भाजपा नेता रवि सतीजा ने सोमवार को दर्ज कराई गई प्राथमिकी में अधिवक्ता दुबे पर पिछले साल बर्रा थाने में उनके खिलाफ बलात्कार के फर्जी मामले की रिपोर्ट दर्ज कराने और मामला वापस लेने के लिए 50 लाख रुपये मांगने का आरोप लगाया है।
बलात्कार के आरोप निकले झूठे
चौधरी ने बताया कि प्राथमिकी एक नाबालिग लड़की ने दर्ज कराई थी, मगर वह बयान दर्ज कराने के लिए जांच दल के सामने कभी नहीं आई। उन्होंने कहा कि इसके परिणामस्वरूप पुलिस ने मामले में अंतिम रिपोर्ट दाखिल कर दी थी। उन्होंने बताया कि पुलिस के विशेष जांच दल (एसआईटी) ने मामले की पड़ताल की, तो बलात्कार के आरोप झूठे पाये गये।
वकील और सहयोगी गिरफ्तार
चौधरी ने बताया कि पुलिस ने दुबे को किदवई नगर स्थित उसके आवास से उसकी सहयोगी लवी मिश्रा के साथ पूछताछ के लिए हिरासत में लिया और छह घंटे की पूछताछ के दौरान अपने बचाव में कोई सुबूत पेश नहीं कर पाने पर उन्हें गिरफ्तार कर लिया। एक अन्य अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने जबरन वसूली रैकेट में कथित रूप से शामिल निशा कुमारी, गीता कुमारी, विमल यादव, अभिषेक बाजपेयी, शैलेंद्र यादव उर्फ टोनू यादव और कई अन्य लोगों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया है।
एसआईटी मामले की करी थी जांच
चौधरी ने संवाददाताओं को बताया कि सीतापुर से भाजपा सांसद अशोक कुमार रावत ने पुलिस आयुक्त को पत्र लिखकर फर्जी आपराधिक मामलों के जरिए पैसे वसूलने के लिए कानूनी प्रावधानों का दुरुपयोग करने वाले व्यक्तियों के बढ़ते नेटवर्क के बारे में बताया था। सांसद के पत्र का संज्ञान लेते हुए गत तीन मार्च को एसआईटी का गठन किया गया था।