Edited By Anil Kapoor,Updated: 17 Aug, 2025 11:05 AM

Sambhal News: उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले में एक धार्मिक स्थल को लेकर विवाद गर्मा गया है। हिंदूवादी संगठनों के लोगों ने पुलिस की मौजूदगी में एक मकबरे में घुसकर तोड़फोड़ की, जिससे इलाके में तनाव फैल गया। इस मामले में 10 नामजद समेत 150 लोगों के खिलाफ...
Sambhal News: उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले में एक धार्मिक स्थल को लेकर विवाद गर्मा गया है। हिंदूवादी संगठनों के लोगों ने पुलिस की मौजूदगी में एक मकबरे में घुसकर तोड़फोड़ की, जिससे इलाके में तनाव फैल गया। इस मामले में 10 नामजद समेत 150 लोगों के खिलाफ पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है। घटना के बाद पूरे मामले ने राजनीतिक रूप भी ले लिया है। बीजेपी और विपक्ष के नेता आमने-सामने हैं और एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं।
बीजेपी जिला अध्यक्ष मुखलाल का बयान
फतेहपुर के बीजेपी जिला अध्यक्ष मुखलाल ने घटना के बाद कहा कि हम शहर में शांति बनाए रखने के लिए प्रतीकात्मक पूजा कर रहे हैं। हमारे घर में ठाकुरद्वारा मंदिर की एक प्रतीकात्मक तस्वीर लगाकर पूजा हो रही है। जब तक मंदिर नहीं मिलता, तब तक हम घर पर ही पूजा करते रहेंगे और कानूनी रास्ते से अपनी लड़ाई जारी रखेंगे। हम सनातन धर्म के लोगों से भी अपील करेंगे कि वो अपने-अपने घरों में पूजा करें और प्रतीकात्मक मंदिर स्थापित करें।
सांसद जिया उर रहमान बर्क की प्रतिक्रिया
वहीं, संभल के सांसद ज़िया उर रहमान बर्क ने इस घटना की कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा फतेहपुर में जो कुछ हुआ, वह पूरी तरह कानून के खिलाफ है। लोग कानून को अपने हाथ में ले रहे हैं, लेकिन अब तक दोषियों पर कोई सख्त कार्रवाई नहीं हुई। इस घटना में बीजेपी जिला अध्यक्ष की भूमिका भी संदिग्ध है, लेकिन उनका नाम एफआईआर में नहीं डाला गया। उन्होंने आगे कहा कि जबकि मेरे खिलाफ पहले ऐसी स्थिति में नाम लिखा गया था, जब मैं घटना स्थल से हजारों किलोमीटर दूर था। यह दोहरी मानसिकता दिखाता है। देश और प्रदेश को कानून से चलना चाहिए। धर्म के नाम पर लोगों को लड़ाने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
क्या है मामला?
11 अगस्त को फतेहपुर में हिंदूवादी संगठनों ने एक मकबरे को लेकर विवादित दावा किया। पुलिस की मौजूदगी में मकबरे में घुसकर तोड़फोड़ की गई। घटना के बाद 10 नामजद और 150 अज्ञात लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई। इलाके में तनाव को देखते हुए सुरक्षा बढ़ाई गई है।
राजनीति गरमाई, प्रशासन पर उठे सवाल
इस पूरे मामले में अब प्रशासन की भूमिका, पुलिस की निष्क्रियता और राजनीतिक संरक्षण पर सवाल उठाए जा रहे हैं। विपक्ष का आरोप है कि सत्तारूढ़ पार्टी के लोगों को बचाया जा रहा है, जबकि अन्य मामलों में विपक्षी नेताओं को बिना ठोस आधार के फंसाया जाता है।