Edited By Anil Kapoor,Updated: 08 Jul, 2025 09:16 AM

Greater Noida News: उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा से एक बेहद दुखद खबर सामने आई है। सेक्टर पी-3 के डी ब्लॉक स्थित एक पार्क में सोमवार शाम एक 5 साल का बच्चा फव्वारे में डूब गया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। यह घटना तब हुई जब बच्चा खेलते-खेलते पार्क...
Greater Noida News: उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा से एक बेहद दुखद खबर सामने आई है। सेक्टर पी-3 के डी ब्लॉक स्थित एक पार्क में सोमवार शाम एक 5 साल का बच्चा फव्वारे में डूब गया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। यह घटना तब हुई जब बच्चा खेलते-खेलते पार्क में मौजूद बंद पड़े फव्वारे के पास पहुंच गया।
मृतक बच्चे की पहचान और परिवार की स्थिति
मृतक बच्चे का नाम पृथ्वी था, जो मूल रूप से शाहजहांपुर का रहने वाला था। वह अपने माता-पिता सुभाष और रुचि के साथ डी ब्लॉक में रहता था। माता-पिता कपड़े धोने का काम करते हैं और घटना के वक्त काम में व्यस्त थे।
खेलते-खेलते फव्वारे तक पहुंचा बच्चा
पुलिस के मुताबिक, पृथ्वी खेलते हुए पार्क में इधर-उधर घूमता रहा और बंद पड़े फव्वारे के पास पहुंच गया, जहां पानी भरा हुआ था। काफी देर तक जब वह नजर नहीं आया तो माता-पिता ने उसे ढूंढ़ना शुरू किया। तभी उन्होंने देखा कि बच्चा फव्वारे के पानी में मुंह के बल तैर रहा था। परिजन तुरंत उसे बाहर निकालकर मदद लाए, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई
सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण (GNIDA) ने भी मामले की जांच शुरू कर दी है।
प्राधिकरण का बयान
GNIDA की विशेष अधिकारी गुंजा सिंह ने इस घटना पर गहरा दुख जताया और परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा कि यह बहुत दुखद घटना है। जांच की जा रही है और जो भी इस लापरवाही के लिए जिम्मेदार पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। भविष्य में ऐसी घटनाएं ना हों, इसके लिए सभी जरूरी कदम उठाए जाएंगे।
स्थानीय लोगों में नाराजगी
घटना के बाद स्थानीय लोगों में गुस्सा और डर का माहौल है। लोगों का कहना है कि पार्क में सुरक्षा के इंतजाम बेहद कमजोर हैं। फव्वारा लंबे समय से बंद पड़ा था, लेकिन उसमें बारिश का पानी भर गया था। लोगों ने पहले भी जल भराव और फव्वारे की हालत को लेकर GNIDA से शिकायत की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। लोगों का कहना है कि अगर समय पर सुधार किया गया होता, तो यह हादसा टल सकता था।