एक-एक कर 3 बच्चों को सड़क हादसों में खोया, माता- पिता का छलका दर्द- 'अब और क्या देखना बाकी है भगवान?'

Edited By Anil Kapoor,Updated: 07 Jul, 2025 02:16 PM

lucknow news one by one we lost 3 children in road accidents

Lucknow News:  'अब किसके लिए जीएं? पहले ही दो बच्चों को कंधा दे चुके हैं… हे भगवान! ये कैसी परीक्षा है…'ये दर्दभरे शब्द हैं लखनऊ के अमीनाबाद में रहने वाले विनोद कुमार और उनकी पत्नी मंजू के जिनकी तीसरी संतान जया शर्मा भी एक सड़क हादसे में चल बसे।...

Lucknow News:  'अब किसके लिए जीएं? पहले ही दो बच्चों को कंधा दे चुके हैं… हे भगवान! ये कैसी परीक्षा है…'ये दर्दभरे शब्द हैं लखनऊ के अमीनाबाद में रहने वाले विनोद कुमार और उनकी पत्नी मंजू के जिनकी तीसरी संतान जया शर्मा भी एक सड़क हादसे में चल बसे। विनोद कुमार लखनऊ के अमीनाबाद में कॉस्मेटिक की दुकान चलाते हैं। उनका परिवार एक साधारण मध्यमवर्गीय परिवार है। पत्नी मंजू गृहिणी हैं। उनके कुल 5 बच्चे थे — पिंकी, सोनाली, अभिषेक, जया और हर्षित। लेकिन किस्मत ने उनका परिवार बार-बार तोड़ा।

पहले बेटी, फिर बेटा... और अब तीसरी संतान भी हादसे की  चढ़ी भेंट
17 अप्रैल 2014 को उनकी बड़ी बेटी सोनाली की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई। 22 अगस्त 2022 को उनके बेटे अभिषेक भी एक एक्सीडेंट में चल बसे। और अब, 6 जुलाई 2025 को उनकी तीसरी संतान जया शर्मा की भी सड़क हादसे में जान चली गई। 3-3 बच्चों को खो देने का गम विनोद और मंजू को अंदर से तोड़ चुका है। मां मंजू रोते हुए बार-बार यही कहती रहीं – "हे भगवान, आखिर क्यों? क्यों हमसे ही 3-3 बच्चे छीन लिए..."।

राजस्थान के बारां में कार की टक्कर से गई जान
यह दर्दनाक हादसा बीते शनिवार रात राजस्थान के बारां जिले में हुआ। जानकारी के मुताबिक, तेज रफ्तार में जा रही एक कार अचानक हाईवे पर एक पिकअप से टकरा गई। इस टक्कर में कार के परखच्चे उड़ गए और उसमें बैठे 4 लोग बुरी तरह फंस गए। मरने वालों में लखनऊ की जया शर्मा, कैसरबाग निवासी नमन चतुर्वेदी (25), गोरखपुर की अंशिका मिश्रा और दिल्ली के राहुल प्रकाश (30) शामिल हैं। राहगीरों ने पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद पुलिस ने कार को काटकर चारों को बाहर निकाला। नमन, अंशिका और राहुल की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि जया को गंभीर हालत में कोटा अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया।

नमन चतुर्वेदी भी था इकलौता बेटा, मां-बाप का बुरा हाल
इस हादसे में मारे गए लखनऊ के नमन चतुर्वेदी अपने माता-पिता का इकलौता बेटा था। वह कैंटीन चलाता था और कैसरबाग के शिवाजी मार्ग का रहने वाला था। नमन के पिता राम कुमार चतुर्वेदी एलडीए में बाबू थे और अब रिटायर हो चुके हैं। उनके 2 बच्चे थे — एक बेटी और बेटा नमन। नमन के चाचा मनोज चतुर्वेदी ने बताया कि वह दोस्तों के साथ राजस्थान घूमने गया था। उसने घर पर कानपुर में दोस्त के जन्मदिन की बात कही थी, लेकिन वहां से सीधे कोटा निकल गया। रास्ते में ये भयानक हादसा हो गया। जब परिजनों को हादसे की खबर दी गई, तो मां बेहोश हो गईं और पिता की भी हालत बिगड़ गई।

एक ही हादसे में 2 परिवारों पर टूटा दुखों का पहाड़
इस हादसे ने 2 परिवारों की जिंदगी बदल दी। एक ओर विनोद और मंजू ने तीसरी संतान को खोया, दूसरी ओर राम कुमार चतुर्वेदी ने अपने इकलौते बेटे को। दोनों परिवारों में मातम पसरा हुआ है, आंखों में आंसू और दिलों में खालीपन है — जिसका कोई इलाज नहीं।

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