Edited By Anil Kapoor,Updated: 20 Aug, 2025 08:48 AM

Bahraich News: जब बात अपने बच्चों की हो, तो एक मां किसी भी खतरे से लड़ सकती है फिर चाहे सामने सात फुट का खतरनाक मगरमच्छ ही क्यों न हो। उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले के ढकिया गांव में ऐसी ही एक बहादुर मां की कहानी सामने आई है, जिसने अपने बेटे को...
Bahraich News: जब बात अपने बच्चों की हो, तो एक मां किसी भी खतरे से लड़ सकती है फिर चाहे सामने सात फुट का खतरनाक मगरमच्छ ही क्यों न हो। उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले के ढकिया गांव में ऐसी ही एक बहादुर मां की कहानी सामने आई है, जिसने अपने बेटे को मगरमच्छ के जबड़ों से खींचकर बचा लिया।
क्या हुआ था उस दिन?
मिली जानकारी के मुताबिक, बीते सोमवार शाम की बात है। माया नाम की महिला का बेटा वीरू, गांव के पास एक नाले के किनारे खेल रहा था, तभी अचानक एक मगरमच्छ ने उसे पकड़ लिया और पानी की ओर खींचने लगा। वीरू की जोर-जोर से चीखने की आवाज सुनकर उसकी मां माया दौड़ पड़ी। जिसके बाद बिना कुछ सोचे, माया सीधे नाले में कूद गई और मगरमच्छ से भिड़ गई।
मगरमच्छ दुनिया के सबसे खतरनाक शिकारी जानवरों में से एक होता है, जिसकी पकड़ बहुत मजबूत होती है और वह आसानी से हड्डियां कुचल सकता है। लेकिन उस वक्त माया के सामने सिर्फ उसका बेटा था डर नहीं।
लोहे की रॉड से किया हमला
माया ने मगरमच्छ को लोहे की रॉड से मारा, उसके पंजे पकड़े और उसे छोड़ने के लिए पूरी ताकत से लड़ाई की। माया ने बताया कि मगरमच्छ मेरे बेटे को नीचे खींच रहा था, लेकिन मैंने उसे कसकर पकड़ा और अपनी पूरी ताकत से मारा। मैं उसे जाने नहीं देने वाली थी। लगभग 5 मिनट तक यह संघर्ष चला और आखिरकार माया की हिम्मत के सामने मगरमच्छ ने हार मान ली और बच्चा छोड़कर भाग गया।
बच्चा और मां दोनों घायल
वीरू को मगरमच्छ के हमले में गंभीर चोटें आईं हैं। माया को भी हाथ और पैर में चोट लगी है। दोनों को स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है। वीरू का इलाज जारी है और हालत अब स्थिर बताई जा रही है।
गांव में फैला डर, प्रशासन अलर्ट पर
यह घटना पूरे गांव में डर का माहौल बना गई है। ग्रामीणों का कहना है कि इस नाले में पहले भी मगरमच्छ देखे जा चुके हैं, लेकिन अब मामला और गंभीर हो गया है क्योंकि हमला सीधे इंसान पर हुआ है। जिला वन अधिकारी (DFO) राम सिंह यादव ने बताया कि मगरमच्छ को पकड़ने के लिए स्पेशल टीम भेजी जाएगी। साथ ही ग्रामीणों की मांग है कि नाले के आसपास बैरिकेडिंग, सुरक्षा गश्त और जाल लगाए जाएं ताकि फिर कोई हादसा ना हो।
मां बनी मसीहा, गांव में बन गई मिसाल
माया की बहादुरी की चर्चा अब पूरे इलाके में हो रही है। उसकी ममता और साहस ने बेटे को मौत के मुंह से खींचकर बाहर निकाल लिया। लोग कह रहे हैं कि यह किसी फिल्म की कहानी जैसी घटना थी — लेकिन ये हकीकत है, और वो भी हमारे बीच की।