सरकार की लचर रवैये के कारण एक बार फिर 17 जातियों को नहीं मिल सका न्याय: राजभर

Edited By Ramkesh,Updated: 13 Apr, 2022 02:39 PM

once again 17 castes could not get due to the poor attitude of the government

सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने उत्तर प्रदेश सरकार पर ट्वीट कर निशाना साधा है।  उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि शोषित समाज के प्रति राज्य सरकार की अनदेखी व लचर रवैये के कारण एक बार फिर 17 जातियों को माननीय उच्च...

लखनऊ: सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने उत्तर प्रदेश सरकार पर ट्वीट कर निशाना साधा है।  उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि शोषित समाज के प्रति राज्य सरकार की अनदेखी व लचर रवैये के कारण एक बार फिर 17 जातियों को माननीय उच्च न्यायालय के हस्तक्षेप के बाद भी न्याय नहीं मिल सका। राजभर ने कहा कि पुनः सामाजिक विकास की मुख्यधारा से वंचित रहना पड़ रहा है।  सरकार द्वारा न्यायालय के समक्ष कोई जवाब नही प्रस्तुत किया गया।

 


वहीं राजभर ने दूसरे ट्वीट में जलियांवाला बाग में चली गोलियों में मरने वाले शहीदों को नमन किया है। उन्होंने कहा कि ब्रिटिश साम्राज्य के क्रूरता का जीता जागता उदाहरण "जलियांवाला बाग हत्याकांड" में शहीद सभी वीरों को शत शत नमन। शहीदों के बलिदान से अभिसिंचित ये धरा और धारा के वासी सदैव आपके ऋणी रहेंगे।

बता दें कि कि इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को दो माह के भीतर राजभर जाति को अनुसूचित जनजाति (ST) में शामिल करने का निर्देश दिया था। यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा एवं न्यायमूर्ति दिनेश पाठक की खंडपीठ ने जागो राजभर जागो समिति की याचिका को निस्तारित करते हुए दिया था।
 



गौरतलब है भर और राजभर जातियों को 1994 की आरक्षण नियमावली  में इन दोनों जातियों को अनुसूचित जनजाति में शामिल न कर पिछड़ा वर्ग में शामिल किया है जबकि अगरिया, गोंड, खरवार, चेरु, पहाड़िया व भुईया जातियां भी भर और राजभर के साथ 1931 में एक्सटीरियर जाति के रूप में उत्तर प्रदेश में सूचीबद्ध थीं। बाद में केंद्र सरकार ने भर और राजभर को छोड़कर उक्त सभी जातियों को अनुसूचित जनजाति की सूची में शामिल कर लिया था। कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को दो माह के भीतर भर और राजभर को अनुसूचित जन जाति में किए जाने का निर्देश दिया था। 

 

 

 

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