Edited By Pooja Gill,Updated: 19 Aug, 2025 11:20 AM

लखनऊ: यूपी की राजधानी लखनऊ से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। यहां पर तीन बच्चें अपनी साइकिल लेकर गली में खड़े होकर बातें कर रहे थे, तभी बगल की गली से जा रही कार इनकी...
लखनऊ: यूपी की राजधानी लखनऊ से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। यहां पर तीन बच्चें अपनी साइकिल लेकर गली में खड़े होकर बातें कर रहे थे, तभी बगल की गली से जा रही कार इनकी गली में मुड़ती है। बच्चों की तरफ मुड़ते ही उसकी स्पीड बढ़ जाती है। चालक गाड़ी बच्चों के ऊपर चढ़ा देता है। दो बच्चे कार की चपेट में आ जाते है। जिनमें से एक बच्चे की पसलियां टूट गई है। इस पूरी घटना की सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है।
जानिए पूरा मामला
जानकारी के मुताबिक, यह घटना आशियाना इलाके की है। सेक्टर-आई आशियाना निवासी हरिद्वार पांडेय स्वास्थ्य विभाग से रिटायर्ड हैं। अपने बेटे अंकित और बहू के साथ रहते हैं। अंकित कैनरा बैंक में कार्यरत हैं। हरिद्वार पांडेय ने बताया कि 10 अगस्त को पोता शौविक पांडेय अपने घर के बाहर खड़ा था। उसके साथ पड़ोसी विनय उपाध्याय का बेटा कुशल सौमिल भी मौजूद था। उन्होंने बताया कि इसी दौरान सामने रहने वाले सीएल वर्मा का बेटा शिवांश वर्मा तेज रफ्तार कार लाया। शौविक को जान से मारने की नीयत से उस पर कार चढ़ा दी।
बच्चे की टूटी पसलियां
बताया जा रहा है कि गाड़ी ने इतनी जोरदार टक्कर मार दी कि एक बच्चा कार के दाहिने टायर से दब जाता है। दूसरा बच्चा कार की टक्कर से उछलकर सामने की दीवार से टकरा जाता है। कार के नीचे दबा बच्चा कार हटने पर उठकर लंगड़ाते हुए अंदर जाता है लेकिन उसकी पसलियों में जबरदस्त चोट आ गई थी। 3 दिन तक आईसीयू में भर्ती रहा। वहीं, हरिद्वार पांडेय का कहना है कि इस दौरान सीएल वर्मा और उनका बेटा हालचाल तक लेने नहीं आए। एक बार भी अस्पताल नहीं पहुंचे। उन्होंने ये आरोप लगाया कि बच्चों के ऊपर गाड़ी जान बूझकर मारने की नीयत से चढ़ाई गई है।
आरोपियों ने घर बुलाकर धमकाया
बच्चों के परिवार वालों ने बताया कि पहले इसे एक हादसा माना जा रहा था, लेकिन सीसीटीवी फुटेज देखने के बाद पता चला कि जानबूझकर बच्चों पर गाड़ी चढ़ाई गई है। हरिद्वार पांडेय का कहना है कि वह लोग बातचीत करने के लिए अपने घर बुलाए। हम बेटे अंकित के साथ बातचीत करने पहुंचे। वहां पर पहले से 7 लोग बैठे थे। इसके कुछ देर बाद 8-10 लोग और आ गए। बातचीत शुरू हुई तो उनमें से एक व्यक्ति ने वीडियो देखने के लिए मांगा। वीडियो देखने के बाद उन्होंने कहा कि इसमें बच्चों की गलती है। पार्क में खेले, बच्चे सड़क पर क्यों खेल रहे है। इसके बाद उन्होंने पुलिस से शिकायत की। पुलिस ने कार्रवाई करने की बजाय उनसे थाने के चक्कर लगवाने शुरू कर दिए। इसके बाद नीले पेन से तहरीर लिखने को बोला गया। जब वह नई तहरीर लेकर थाने पहुंचे तो जबरन तारीख बदलवाई और रविवार देर रात मुकदमा दर्ज किया गया।