Bhadohi: सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता के बच्चे के ‘जैविक पिता’ को 20 वर्ष की सजा, संदेह लाभ में 3 बरी

Edited By Mamta Yadav,Updated: 11 Apr, 2023 11:11 PM

20 years imprisonment to  biological father  of gang rape victim s child

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में भदोही (Bhadohi) जिले की एक विशेष अदालत (Special Court) ने 14 वर्षीय सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता (Gangrape Victim) के बच्चे (Children) का जैविक पिता (Biological father) साबित हुए आरोपी युवक को दोषी करार देते हुए मंगलवार...

भदोही: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में भदोही (Bhadohi) जिले की एक विशेष अदालत (Special Court) ने 14 वर्षीय सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता (Gangrape Victim) के बच्चे (Children) का जैविक पिता (Biological father) साबित हुए आरोपी युवक को दोषी करार देते हुए मंगलवार को 20 वर्ष सश्रम कारावास और 50 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनायी। वहीं, अदालत ने मामले में तीन अन्य आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया।

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विशेष लोक अभियोजक कौलेश्वर नाथ पांडेय ने बताया कि अपर सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो) मधु डोगरा की अदालत ने आरोपी दीपक पाठक उर्फ बऊ (28) को दोषी करार देते हुए 20 वर्ष सश्रम कारावास और 50 हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनायी। अदालत ने जुर्माने की पूरी धनराशि पीड़िता को देने का आदेश दिया है। उन्‍होंने बताया कि सामूहिक दुष्‍कर्म के मामले में अन्‍य आरोपी विकास पाठक (24) अनूप शंकर पाठक (27) और दीपक उर्फ करिया पाठक (24) को संदेह का लाभ देते हुए अदालत ने बरी कर दिया। पांडेय ने बताया कि जुर्माने की राशि अदा नहीं करने पर दीपक पाठक उर्फ बऊ को पांच साल की अतिरिक्त कैद में रहने का आदेश पारित किया गया है।

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पांडेय ने घटना के बारे में बताया कि यह जिले के ज्ञानपुर थाना इलाके के एक गांव का मामला है, जहां नाबालिग किशोरी (14) को पेट में तेज दर्द होने पर उसकी मां उसे अगस्त, 2020 में डॉक्टर के पास दवा दिलाने ले गयी, तब पता चला कि किशोरी को सात माह का गर्भ है। उन्होंने बताया कि मामले में उपरोक्त चारों का नाम आया, जिन पर पीड़िता ने कई माह से सामूहिक दुष्कर्म करने का आरोप लगाया। पुलिस अधीक्षक अनिल कुमार ने बताया कि इस मामले में चारों आरोपियों के खिलाफ सामूहिक दुष्कर्म व पॉक्सो अधिनियम तथा अन्य संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज कर पुलिस ने विवेचना पूरी कर अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया। पांडेय के मुताबिक घटना की जानकारी मिलने के दो माह बाद किशोरी ने एक बच्‍चे को जन्‍म दिया।

उन्‍होंने बताया कि विशेष पॉक्‍सो अदालत में सुनवाई के दौरान ही सात माह के बच्‍चे की डायरिया से मौत हो गयी। उन्होंने बताया कि बच्चे के रक्त और आरोपियों के रक्त की जांच में बच्चे का पिता दीपक पाठक उर्फ़ बऊ का होना पाया गया। पांडेय ने बताया कि अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने और साक्ष्‍यों के आधार पर दीपक पाठक उर्फ़ बऊ को दोषी करार देते हुए सजा सुनायी और बाकी तीनों को संदेह का लाभ देकर बरी कर दिया। अदालत ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण और जिला मजिस्ट्रेट को सरकारी योजना के अंतर्गत समुचित प्रतिकर दिलाये जाने हेतु कार्रवाई करने को कहा है।

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