14 साल की उम्र में बर्बर गैंगरे/प, अब जज बनने का जज्बा—बुलंदशहर रेपकांड की पीड़िता की अदम्य हिम्मत को सलाम

Edited By Anil Kapoor,Updated: 22 Dec, 2025 09:43 AM

gang rape victim s story despite the pain she dreams of becoming a judge

Bulandshahr News: साल 2016 की घटना ने बुलंदशहर हाइवे-91 पर एक 14 साल की मासूम और उसकी मां की जिंदगी हमेशा के लिए बदल दी थी। उस समय बंदूक की नोक पर पांच लोगों ने मासूम और उसकी मां के साथ बेरहमी से गैंग रेप किया। अब लगभग सात साल बाद, आरोपी आज बुलंदशहर...

Bulandshahr News: साल 2016 की घटना ने बुलंदशहर हाइवे-91 पर एक 14 साल की मासूम और उसकी मां की जिंदगी हमेशा के लिए बदल दी थी। उस समय बंदूक की नोक पर पांच लोगों ने मासूम और उसकी मां के साथ बेरहमी से गैंग रेप किया। अब लगभग सात साल बाद, आरोपी आज बुलंदशहर की पॉक्सो कोर्ट में सजा सुनेंगे। लेकिन उससे पहले, हम जानेंगे कि आज उस मासूम पीड़िता की जिंदगी कैसी है। अब 23 साल की हुई इस महिला का सपना है कि वह जज बने। इसके लिए वह लॉ की पढ़ाई कर रही है और अपने भविष्य के लिए संघर्ष कर रही है।

दर्दनाक संघर्ष और हिम्मत
रेप के बाद पीड़िता और उसके परिवार के सामने कई कठिनाइयां आईं, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी। उन्होंने हर बार संघर्ष किया और आज तक एक योद्धा की तरह अपने जीवन की चुनौतियों का सामना कर रही हैं। बीते रविवार को पीड़िता ने TOI से बातचीत में अपनी कहानी साझा की। उन्होंने बताया कि उस समय और उसके बाद जो कुछ भी उन्होंने सहा, वह ‘बर्बर और अमानवीय’ था। इसके बावजूद परिवार ने एकजुट होकर लड़ाई जारी रखी।

डर और परेशानी की जिंदगी
पीड़िता ने बातचीत में बताया कि पहचान और परेशानियों से बचने के लिए उन्हें कई बार पता और शहर बदलना पड़ा, लेकिन हर बार उनकी पहचान हो जाती थी और समाज में उन्हें बदनाम किया जाता था। वह रोते हुए कहती हैं कि मुझे हर चेहरा याद है, वे इंसान नहीं हैं… वे शैतान हैं।

न्याय मिलने की उम्मीद
बुलंदशहर की पॉक्सो कोर्ट द्वारा उसकी मां और खुद उसके साथ गैंग रेप में शामिल पांच आरोपियों को दोषी ठहराए जाने से पीड़िता ने राहत की सांस ली। उन्होंने कहा कि जिन्होंने मेरी जिंदगी बर्बाद की है, उन्हें कानून सजा दे रहा है, यह जानकर हमें उम्मीद मिली है। फिर भी पीड़िता ने स्वीकार किया कि सामान्य जीवन में लौटने में बहुत समय लगेगा। उन्होंने कहा कि उन्होंने सिर्फ हमारे शरीर को नहीं, बल्कि हमारी जिंदगी, शांति और भविष्य को भी बर्बाद किया। ट्रॉमा कभी नहीं जाता, रातें सबसे बुरी होती हैं, मैं अब भी डरकर उठती हूं।

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