पीडीए का नारा जनता की आंखों में धूल झोंकने वाला- विधानसभा में योगी ने सपा पर बोला हमला

Edited By Ramkesh,Updated: 14 Aug, 2025 03:40 PM

pda s slogan is an attempt to mislead the public yogi attacks sp in the assembl

विपक्ष के पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) नारे को जनता की आंखों में धूल झोंकने का खेल करार देते हुये उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उनकी सरकार ने वास्तव में पिछड़े, गरीब और अल्पसंख्यक शिल्पियों के लिए काम किया है।

लखनऊ: विपक्ष के पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) नारे को जनता की आंखों में धूल झोंकने का खेल करार देते हुये उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उनकी सरकार ने वास्तव में पिछड़े, गरीब और अल्पसंख्यक शिल्पियों के लिए काम किया है। मुख्यमंत्री ने गुरुवार को विधानसभा के मानसून सत्र के चौथे दिन सदन को संबोधित करते हुये कहा कि प्रदेश के उद्योग इन्फ्रास्ट्रक्चर को बर्बाद करने का कार्य विपक्ष के शासनकाल में हुआ। इसमें कानपुर को तबाह कर दिया गया। व्यापारियों और उद्यमियों से हफ्ता वसूली की जाती थी।

70 वर्षों में विपक्षी सरकारें अधूरे नेटवर्क से नहीं हो रहा था निवेश
उन्होंने कहा कि विपक्षी शासनकाल में एमएसएमई क्लस्टर को मरणासन्न स्थिति में पहुंचा दिया गया था जबकि, परंपरागत उद्यमों से गांव के गरीब, वंचित और पिछड़ा वर्ग ही सबसे ज्यादा जुड़ा हुआ है। हमारी सरकार ने बिना भेदभाव के परंपरागत उद्यम को बढ़ावा दिया, ट्रेनिंग, टेक्नोलॉजी और पैकेजिंग पर काम किया। टूलकिट उपलब्ध कराये गये। अपने साढ़े आठ साल के कार्यकाल (2017-2025) की उपलब्धियों का विस्तृत ब्योरा प्रस्तुत करते हुये कहा कि उनके ‘विजन' को देखकर आश्चर्य होता है, क्योंकि 70 वर्षों में विपक्षी सरकारें अधूरे नेटवकर् और ठहरे निवेश के साथ प्रदेश को विकास के पथ पर आगे नहीं ले जा सकीं। इन्फ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में 1947 से 2017 तक की स्थिति को उन्होंने अधूरा नेटवकर् और ठहरा निवेश करार दिया, जब केवल दो एक्सप्रेसवे थे, राष्ट्रीय राजमार्ग 12 हजार किलोमीटर से कम थे, हवाई अड्डों की संख्या सीमित थी, ग्रामीण क्षेत्रों में कनेक्टिविटी नहीं थी और औद्योगिक कनेक्टिविटी के लिए कोई नीति नहीं थी। इसके विपरीत, योगी ने अपने कार्यकाल को जल-थल-नभ की बेहतरीन कनेक्टिविटी वाला दौर बताया।

प्रदेश में एक्सप्रेसवे की संख्या दो से बढ़कर 22 हो गई
उन्होंने कहा कि पूंजीगत व्यय 2017 में 69,789 करोड़ रुपये से बढ़कर 2025 में 1,47,719 करोड़ रुपये हो गया। एक्सप्रेसवे की संख्या दो से बढ़कर 22 हो गई, जिसमें सात संचालित, पांच निर्माणाधीन और 10 प्रस्तावित हैं, जो देश का सबसे बड़ा नेटवकर् है। उत्तर प्रदेश में देश का सबसे बड़ा रेल नेटवकर् स्थापित हुआ है। दादरी (नोएडा) में मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स हब का विकास हो रहा है और ईस्टर्न व वेस्टर्न फ्रेट कॉरिडोर का जंक्शन बनाया गया है। सुनियोजित लॉजिस्टिक्स पाकर् स्थापित किए गए हैं। हवाई अड्डों की संख्या 16 तक पहुंच गई है, जिनमें पांच निर्माणाधीन हैं और प्रदेश में पांच अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे हैं। जेवर इंटरनेशनल एयरपोटर् का निर्माण अंतिम चरण में है, जो इस वर्ष के अंत में शुरू होगा।

 पहले कानून व्यवस्था के कारण निजी निवेशकों की अरुचि थी
योगी ने कहा कि हवाई जहाज के रखरखाव, मरम्मत और ओवरहालिंग के लिए एमआरओ नीति बनाई गई है और एक्सप्रेस​वे के किनारे 27 औद्योगिक क्लस्टर विकसित किए जा रहे हैं। ये सुधार लॉजिस्टिक लागत को कम कर रहे हैं और निवेश व रोजगार को नए आयाम दे रहे हैं। औद्योगिक विकास के मोर्चे पर योगी ने विपक्ष के शासनकाल को नाकाम बताया, जब बदहाल कानून व्यवस्था के कारण निजी निवेशकों की अरुचि थी, औद्योगिक नीति का अभाव था और अदूरदर्शी निर्णयों ने सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों को तालाबंदी की ओर धकेल दिया। पारंपरिक शिल्पकला और उद्योगों को कोई प्रोत्साहन नहीं मिला, जिसके चलते हर जनपद के सूक्ष्म और लघु उद्योग मरणासन्न हो गए।

 60 लाख से अधिक नौजवानों को नौकरी और लाखों लोगों को रोजगार मिला
इसके उलट, पिछले आठ वर्षों में पंजीकृत कारखानों की संख्या 14,169 से बढ़कर 27,295 हो गई। 45 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव आए, जिनमें 15 लाख करोड़ रुपये की परियोजनाएं धरातल पर उतरीं, जिससे 60 लाख से अधिक नौजवानों को नौकरी और लाखों लोगों को रोजगार मिला। 33 सेक्टोरल नीतियों और वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट (ओडीओपी) योजना के माध्यम से परंपरागत उद्यमों को तकनीक और पैकेजिंग से जोड़ा गया।

 सरकार ने स्वदेशी को बढ़ावा दिया
उत्तर प्रदेश के 77 जीआई टैग उत्पाद देश में अव्वल हैं, जो वैश्विक स्तर पर नई पहचान बना रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने स्वदेशी को बढ़ावा दिया, जबकि विपक्ष ने शिल्पकारों को हतोत्साहित किया, जिससे वे पलायन और भुखमरी की कगार पर पहुंच गए। पिछले आठ वर्षों में गांव के मोची, कारीगर और कुम्हार को टूलकिट देकर उनके संवर्धन का कार्य किया गया, जिससे उनके जीवन में परिवर्तन आया। पहले पर्व-त्योहारों पर बाजार चीनी सामान से भरे रहते थे, लेकिन अब यूपी के हस्तशिल्पियों और कारीगरों के उत्पादों से सजते हैं।

सैफई महोत्सव में विदेशी फूलों के गुलदस्ते मंगवाती थीं सपा
योगी ने बताया कि वह हर अतिथि को ओडीओपी उत्पाद उपहार में देते हैं, जबकि विपक्षी सरकारें सैफई महोत्सव में विदेशी फूलों के गुलदस्ते मंगवाती थीं। उन्होंने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि वे आजादी की बात करते हैं, लेकिन गुलामी का काम करते हैं। उन्होंने नेताजी (मुलायम सिंह यादव) को बदनाम करने का आरोप लगाया और कहा कि शिवपाल यादव उनकी विरासत की अंतिम कड़ी थे, लेकिन वे (चच्चा) भी ‘गच्चा' खा गए।

500 से अधिक देशी-विदेशी ट्रेडर्स ने हिस्सा लिया
मुख्यमंत्री ने बताया कि एमएसएमई नीति-2022 के तहत 96 लाख इकाइयों के साथ उत्तर प्रदेश देश में शीर्ष पर है, जिससे पौने दो करोड़ रोजगार सृजित हुए। औद्योगिक ऋण वितरण 2017 में 3.54 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 2024-25 में 9.24 लाख करोड़ रुपये हो गया। सिंगल विंडो सिस्टम और निवेश सारथी पोटर्ल ने उद्यमियों को सहूलियत दी।  उन्होंने कहा कि प्रदेश में हर साल उत्तर प्रदेश इंटरनेशनल ट्रेड शो का आयोजन हो रहा है, वहां कोई हिन्दू मुस्लिम नहीं देखता। इसमें 2024 में 500 से अधिक देशी-विदेशी ट्रेडर्स ने हिस्सा लिया और 2,200 करोड़ रुपये के ऑडर्र प्राप्त हुए। एफडीआई नीति-2023 के तहत फॉर्च्यून ग्लोबल 500 और फॉर्च्यून इंडिया 500 कंपनियों को आकर्षित किया गया। अप्रैल 2000 से जून 2017 तक जहां केवल 3,303 करोड़ रुपये का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आया, वहीं अप्रैल 2017 से अब तक 16,316 करोड़ रुपये का एफडीआई प्राप्त हुआ।

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