पति की मौत के बाद बेटे के नाम जमीन कराने पहुंची महिला, दफ्तर में अफसरों ने बताया ऐसा फर्जीवाड़ा कि उड़ गए होश!

Edited By Anil Kapoor,Updated: 07 Jul, 2025 10:58 AM

a living person was shown as dead and 11 acres of land was grabbed

Lucknow News: उत्तर प्रदेश में एक चौंकाने वाला फर्जीवाड़ा सामने आया है। यहां एक व्यक्ति को जिंदा होते हुए भी कागजों में मरा हुआ दिखा दिया गया और उसकी 11 एकड़ जमीन जालसाजों ने अपने नाम करवा ली। यह सच्चाई तब सामने आई जब उस व्यक्ति की सच में मौत हो गई...

Lucknow News: उत्तर प्रदेश में एक चौंकाने वाला फर्जीवाड़ा सामने आया है। यहां एक व्यक्ति को जिंदा होते हुए भी कागजों में मरा हुआ दिखा दिया गया और उसकी 11 एकड़ जमीन जालसाजों ने अपने नाम करवा ली। यह सच्चाई तब सामने आई जब उस व्यक्ति की सच में मौत हो गई और उसकी पत्नी जमीन अपने बेटे के नाम कराने के लिए लखनऊ पहुंची। मिली जानकारी के मुताबिक, पूरा मामला रामपुर जिले के बिलासपुर की रहने वाली त्रिलोचन कौर का है। उनका कहना है कि उनके पति सूरत सिंह भारतीय सेना में अधिकारी थे और उन्होंने कई साल पहले लखनऊ के मोहनलालगंज के जैतीखेड़ा गांव में 20 एकड़ जमीन खरीदी थी। ड्यूटी के कारण वे अक्सर बाहर रहते थे और जमीन की देखरेख नहीं कर पाते थे।

कैसे हुआ फर्जीवाड़ा?
त्रिलोचन कौर का आरोप है कि साल 2009 में गुरुविंदर सिंह नाम के एक व्यक्ति ने धोखाधड़ी से सूरत सिंह को कागजों में मृत दिखा दिया। उसने खुद को सूरत सिंह का भाई बताकर चकबंदी विभाग के कर्मचारियों की मदद से जमीन अपने पिता निर्मल सिंह के नाम करवा ली। जबकि उस वक्त सूरत सिंह पूरी तरह स्वस्थ और जीवित थे। इसके बाद जमीन को कई हिस्सों में बांटकर अलग-अलग लोगों को बेच दिया गया। 3.5 एकड़ जमीन गोमती नगर की मनोरमा राय के नाम रजिस्ट्री की गई। 3 एकड़ जमीन मार्च 2010 में गाजियाबाद की रेनू सिंह को बेच दी गई। साल 2018 में, बाकी जमीन चंद्रशेखर मोती राम जी देशभ्रतार के नाम कर दी गई, जिन्होंने महाराष्ट्र निवासी अपने एजेंट गोकुल शंकर राव के जरिए प्लॉटिंग करके 20 लोगों को जमीन बेच दी। सभी रजिस्ट्री और बैनामों में गुरुविंदर सिंह और गोकुल शंकर राव गवाह के तौर पर मौजूद थे।

16 साल बाद खुला राज
21 नवंबर 2022 को जब सूरत सिंह का असली निधन हुआ, तब उनकी पत्नी त्रिलोचन कौर अपने बेटे अमरतीत के नाम जमीन ट्रांसफर कराने के लिए लखनऊ आईं। यहां उन्हें यह जानकर झटका लगा कि जमीन तो सूरत सिंह के नाम पर थी ही नहीं।इसके बाद उन्होंने लखनऊ के उपसंचालक कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई। जांच में सामने आया कि गुरुविंदर सिंह ने सूरत सिंह का फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाकर जमीन अपने कब्जे में करवाई थी।

पुलिस कर रही जांच
इस मामले में लखनऊ के वजीरगंज थाने में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। इंस्पेक्टर राजेश कुमार त्रिपाठी ने बताया कि पूरे मामले की जांच की जा रही है। जमीन की खरीद-फरोख्त से जुड़े सभी दस्तावेजों की जांच की जा रही है और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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