Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 02 Jan, 2024 01:51 PM

केंद्र सरकार के नए हिट एंड रन कानून के खिलाफ ट्रक, डंपर और बस चालकों की हड़ताल आज दूसरे दिन भी जारी है और चालक इस मांग को लेकर अब सड़क पर उतर आए हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की स्वीकृति मिलने के बा...
लखनऊ: केंद्र सरकार के नए हिट एंड रन कानून के खिलाफ ट्रक, डंपर और बस चालकों की हड़ताल आज दूसरे दिन भी जारी है और चालक इस मांग को लेकर अब सड़क पर उतर आए हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की स्वीकृति मिलने के बाद भारतीय न्याय संहिता अब कानून बन चुका है. आने वाले समय में इसके नए प्रावधान इंडियन पीनल कोड (IPC) के पुराने कानूनों की जगह ले लेंगे, लेकिन इस कानून का विरोध शुरू हो गया है। दरअसल, नया कानून कहता है कि अगर सड़क दुर्घटना में किसी की मौत हो जाती है और गाड़ी चालक मौके से फरार हो जाता है तो उसे 10 साल की सजा हो सकती है। साथ ही जुर्माना भी भरना पड़ेगा।
क्या है हिट एंड रन कानून?
हिट एंड रन का सीधा सा अर्थ है कि दुर्घटना के बाद ड्राइवर का गाड़ी के साथ मौके से भाग जाना। अगर किसी गाड़ी से किसी को टक्कर लग गई घायल की मदद करने के बजाय ड्राइवर गाड़ी को लेकर फरार हो जाता है तो ऐसे केस हिट एंड रन में गिने जाते हैं। हिट एंड रन के पुराने कानून के मुताबिक ऐसे मामलों में ड्राइवर को जमानत भी मिल जाती थी और अधिकतम दो साल की सजा का प्रावधान था। कई बार हम देखते हैं कि दुर्घटना में घायल व्यक्ति को अगर एक्सीडेंट करने वाला समय पर अस्पताल पहुंचा देता है तो उसकी जान बच जाती है। हालांकि, एक्सीडेंट के बाद मौके से भागने के केस को हिट एंड रन कहा जाता है। ऐसी ही केस में सख्ती का प्रावधान किया गया है।
वहीं, नए कानून का विरोध करने वाले ड्राइवर का कहना है कि अगर दुर्घटना के बाद वे मौके से फरार होते हैं तो उन्हें 10 साल की सजा हो जाएगी। अगर वे मौके पर ही रुक जाते हैं तो भीड़ उन पर हमला करके पीट पीट कर मार देगी। ड्राइवरों के लिए आगे कुआं और पीछे खाई वाली स्थिति हो गई। यह बात सही भी है कि कई बार उग्र भीड़ हिंसक रूप ले लेती है और मामला मॉब लिंचिंग का रूप ले लेता है।