Edited By Anil Kapoor,Updated: 21 Aug, 2025 07:01 AM

Baghpat News: उत्तर प्रदेश के बागपत जिले में एक दिल दहला देने वाला हादसा पुलिस की कार्यप्रणाली पर बड़े सवाल खड़े कर रहा है। यह मामला 11 जुलाई 2025 का है, जब मेरठ रोड पर हरचंदपुर गांव का मजदूर आश मोहम्मद अपने दोस्त अमर को बाइक से छोड़ने जा रहा था।...
Baghpat News: उत्तर प्रदेश के बागपत जिले में एक दिल दहला देने वाला हादसा पुलिस की कार्यप्रणाली पर बड़े सवाल खड़े कर रहा है। यह मामला 11 जुलाई 2025 का है, जब मेरठ रोड पर हरचंदपुर गांव का मजदूर आश मोहम्मद अपने दोस्त अमर को बाइक से छोड़ने जा रहा था। उनके पीछे दूसरी बाइक पर आश मोहम्मद का भाई शादाब भी आ रहा था। इसी दौरान मेरठ की तरफ से तेज रफ्तार में आ रही एक क्रेटा कार ने आश मोहम्मद की बाइक को जोरदार टक्कर मार दी। टक्कर इतनी भयानक थी कि आश मोहम्मद को कार ने कई बार कुचला, जिससे वह बुरी तरह घायल होकर सड़क पर तड़पता रहा।
मदद की जगह भागा इंस्पेक्टर
हैरानी की बात यह है कि जिस कार ने टक्कर मारी, उसे चला रहा था पुलिस थाना का इंस्पेक्टर दीक्षित त्यागी। टक्कर मारने के बाद इंस्पेक्टर मौके पर रुके जरूर, लेकिन मदद करने के बजाय उन्होंने एक राहगीर की बाइक रोकी और मौके से फरार हो गए। घायल आश मोहम्मद की हालत गंभीर थी और उसका साथी अमर लोगों से मदद की गुहार लगाता रहा, लेकिन कोई नहीं रुका।
भाई ने देखा हादसा, CCTV ने की पुष्टि
घटना के वक्त पीछे से आ रहे शादाब ने साफ देखा कि कार चला रहा व्यक्ति कोई और नहीं बल्कि थाने का इंस्पेक्टर दीक्षित त्यागी था। इस बात की पुष्टि बाद में बालैनी टोल प्लाजा के CCTV फुटेज से भी हो गई, जिसमें हादसे से कुछ देर पहले इंस्पेक्टर त्यागी को उसी कार को चलाते हुए देखा गया।
FIR में आरोपी का नाम नहीं, परिवार पर दबाव
इसके बावजूद पुलिस ने एफआईआर में आरोपी का नाम दर्ज नहीं किया और मुकदमा एक 'गुमनाम व्यक्ति' के खिलाफ लिख दिया गया। पीड़ित परिवार का आरोप है कि उन्हें सच छिपाने के लिए धमकाया गया और समझौता करने के लिए पैसे का लालच भी दिया गया।
परिवार की गुहार, अफसरों की चुप्पी
मृतक की बहन रशीदा ने बताया कि उसका भाई सड़क पर तड़पता रहा लेकिन इंस्पेक्टर ने मुंह फेर लिया और भाग गए। वहीं परिवार के वकील जाकिर हुसैन ने CCTV फुटेज को सबूत बताते हुए मुख्यमंत्री और डीजीपी को पत्र लिखकर इंसाफ की मांग की है। हादसे को एक महीना बीत चुका है, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। पीड़ित परिवार इंसाफ के लिए दर-दर भटक रहा है, जबकि बागपत पुलिस के अधिकारी पूरे मामले पर चुप्पी साधे हुए हैं।