Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 14 Oct, 2021 03:59 PM
कारोबारी मनीष गुप्ता हत्याकांड मामले में बीते बुधवार को पांचवें आरोपी कमलेश सिंह यादव को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। एसआईटी कानपुर ने रामगढ़ ताल थाने में उससे करीब चार घंटे तक पूछताछ की। इस दौरान कमलेश अपने आप को बेगुनाह साबित करने के लिए कोई कसर...
गोरखपुर: कारोबारी मनीष गुप्ता हत्याकांड मामले में बीते बुधवार को 5वां आरोपी कमलेश सिंह यादव को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। एसआईटी कानपुर ने रामगढ़ ताल थाने में उससे करीब चार घंटे तक पूछताछ की। इस दौरान कमलेश अपने आप को बेगुनाह साबित करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ा। पूछे गए ज्यादातर सवालों में उसका यही जवाब था कि मैं गाड़ी चला रहा था, मुझे कुछ भी नहीं मालूम, बेगुनाह हूं।
बता दें कि बीते बुधवार को करीब 1 बजे हेड कांस्टेबल कमलेश को गोरखपुर में पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया और पूछताछ के लिए मामले की जांच कर रही एसआईटी की टीम को सौंप दिया। कानपुर एसआईटी ने होटल के अंदर हुए घटना के बारे में सवाल पूछा तो कमलेश ने कहा कि वह सरकारी गाड़ी को चला रहा था और होटल के अंदर नहीं गया था। सभी के बाहर आने पर गाड़ी लेकर मानसी अस्पताल गया, जहां से मेडिकल भी गया।
अस्पताल में मनीष को अज्ञात नाम से कराया भर्ती
मेडिकल कॉलेज पहुंचने में हुई देरी के सवाल पर आरोपी कमलेश ने बताया कि जाम की वजह से देरी हुई हालांकि, रात में जाम के सवाल पर पहले चुप्पी साध ली, फिर वही जवाब दोहराया। वहीं, एसआईटी के छानबीन में पता चला है कि मनीष गुप्ता को पहले अज्ञात बताकर बीआरडी मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। पांच मिनट बाद ही दूसरी पर्ची कटवाई गई और मनीष का नाम लिखा गया। मनीष को दरोगा अजय कुमार ने मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया था।
गौरतलब है कि पिछले महीने गोरखपुर के एक होटल में तलाशी के दौरान कथित रूप से पुलिस कर्मियों द्वारा बर्बरतापूर्ण पिटाई किए जाने से कानपुर निवासी 36 वर्षीय प्रॉपर्टी डीलर मनीष गुप्ता की मौत हो गई थी। इस मामले में आरोपी छह पुलिसकर्मियों को निलंबित करके उनके खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया था। सभी पर पहले 25-25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया था। बाद में उसे बढ़ाकर एक-एक लाख रुपये कर दिया गया। पुलिस अब तक छह आरोपी पुलिसकर्मियों में से 5 को गिरफ्तार कर चुकी है। एक अन्य आरोपी उपनिरीक्षक विजय यादव की गिरफ्तारी के प्रयास जारी हैं।