Prayagraj Flood: गंगा-यमुना के जलस्तर में हुई तेजी से बढ़ोतरी, संगम क्षेत्र हुआ जलमग्न; तस्वीरें कर देंगी हैरान

Edited By Mamta Yadav,Updated: 16 Sep, 2024 04:49 PM

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संगम नगरी प्रयागराज में गंगा और यमुना का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। दोनों नदियों के बढ़ते जलस्तर के चलते संगम क्षेत्र पूरी तरीके से जलमग्न है। गंगा-आरती स्थल के साथ ही रामघाट, किला घाट पूरी तरह से जलमग्न है।

Prayagraj News, (सैय्यद आकिब रजा): संगम नगरी प्रयागराज में गंगा और यमुना का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। दोनों नदियों के बढ़ते जलस्तर के चलते संगम क्षेत्र पूरी तरीके से जलमग्न है। गंगा-आरती स्थल के साथ ही रामघाट, किला घाट पूरी तरह से जलमग्न है। बाढ़ का पानी दूसरी बार बड़े हनुमान मंदिर परिसर को जलमग्न कर चुका है। दोनों नदियों के बढ़ते जलस्तर के चलते संगम क्षेत्र में रहने वाले तीर्थ पुरोहितो, नाविको के साथ ही घाटियों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
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बता दें कि गंगा और यमुना के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए प्रशासनिक अमले ने अलर्ट घोषित कर दिया है। संगम क्षेत्र और तटवर्ती इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के निर्देश दे दिए गए हैं। तटीय इलाके के लोग अपने घरों में कैद है और छत पर रहने को मजबूर हैं। लोगों का मानना है कि दोबारा मां गंगा ने हनुमान जी को नहलाया है इसलिए महाकुंभ का सफल आयोजन होगा तो दूसरी तरफ बढ़ते जल स्तर के चलते निचले इलाके के लोग नाव का सहारा ले रहे हैं और काफी परेशान है। गंगा के जलस्तर की रफ्तार पर नजर रखने के लिए बाढ़ नियंत्रण की टीम को अलर्ट कर दिया गया है। साथ ही जल पुलिस, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ को भी एलर्ट कर दिया गया है। पिछले 2 दिनों के भीतर गंगा और यमुना के जलस्तर में 2 मीटर से अधिक की वृद्धि हुई है। जिसके चलते तटवर्ती इलाकों के करीब गंगा और यमुना के बाढ़ का पानी पहुंच चुका है।
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संगम नगरी प्रयागराज में संभावित बाढ़ को देखते हुए प्रशासन ने बाढ़ राहत शिविर के साथ ही नावों की भी व्यवस्था कर ली है। जिससे बाढ़ प्रभावित लोगों को रेस्क्यू करने के साथ ही जरूरी सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जा सके। प्रशासन ने पूर्व में बाढ़ ग्रस्त इलाको के लोगों को सुरक्षित स्थान पर जाने के लिए कह दिया है। साथ ही अपने जरूरी सामान को भी हटाने के निर्देश दिए जा चुके हैं। फिलहाल जिस रफ्तार से दोनों नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है उसी तरह से यहां दूर दराज से आने वाले तीर्थ यात्रियों की मुश्किलें भी बढ़ रहीं हैं। संगम क्षेत्र में सीमित नावों के संचालन की वजह से लोगों को आस्था की डुबकी लगाने में भी कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है।
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