वर्दीधारी ‘रक्षक’ निकले लुटेरे! 3 PRV से पहुंचे पुलिसकर्मी, व्यापारी से मांगे 500-500 रूपये, न देने पर डंडों से पीटकर लूटे 10 हजार; 11 पुलिसकर्मी सस्पेंड

Edited By Purnima Singh,Updated: 15 Jul, 2025 12:36 PM

policemen beat up the cattle trader for not paying money

कानपुर के बर्रा थाना क्षेत्र स्थित नेशनल हाईवे पर पुलिस द्वारा अवैध वसूली और बर्बरता का सनसनीखेज मामला सामने आया है। आरोप है कि पीआरवी की तीन गाड़ियों में सवार पुलिसकर्मियों ने मवेशी ले जा रहे एक व्यापारी से जबरन पैसे वसूलने की कोशिश की और इनकार...

कानपुर (प्रांजुल मिश्रा) : वर्दी में जो कभी जनता के सेवक और रक्षक' कहलाते थे, अब कानपुर हाईवे पर 'सेवाओं' की कीमत नगद में ऑन द स्पॉट तय कर रहे हैं। जमाना गया जब पुलिस को कानून का रखवाला कहा जाता था। अब खाकी वर्दी देखिए और समझिए—‘पुलिस’ है या ‘पकड़ो और लूटो’ गैंग का नया यूनिफॉर्म.....

बर्रा थाना क्षेत्र का हाईवे इस बार किसी गैंगवार का मैदान नहीं, बल्कि सरकारी वर्दी में लूट का लाइव शो बन गया। कानपुर के बर्रा थाना क्षेत्र से लूट, मारपीट और धमकी का ऐसा सनसनीखेज मामला सामने आया है जिसने सभी को चौंका दिया, क्योंकि इस घटना को अंजाम किसी मामूली गुंडे या बदमाश ने नहीं बल्की पुलिसवालों ने दिया है। 

पैसे न देने पर पुलिस ने व्यापारी की पिटाई की, 11 पुलिसकर्मी सस्पेंड 
कानपुर के बर्रा थाना क्षेत्र स्थित नेशनल हाईवे पर पुलिस द्वारा अवैध वसूली और बर्बरता का सनसनीखेज मामला सामने आया है। आरोप है कि पीआरवी की तीन गाड़ियों में सवार पुलिसकर्मियों ने मवेशी ले जा रहे एक व्यापारी से जबरन पैसे वसूलने की कोशिश की और इनकार करने पर उसे जमकर पीटा। इस दौरान गाड़ी से ₹10 हजार रुपये भी छीन लिए गए। घटना का वीडियो वायरल होते ही पुलिस महकमा हरकत में आया और 11 पुलिसकर्मियों को तत्काल निलंबित कर उनके खिलाफ विभागीय जांच शुरू कर दी गई।

क्या है पूरा मामला...?
शनिवार को अलीगढ़ निवासी मोहम्मद उजैर अपने चालक लक्ष्मण के साथ सरसौल से मवेशी खरीदकर अलीगढ़ लौट रहे थे। वे रामादेवी-भौंती हाईवे से होते हुए जैसे ही बर्रा हाईवे ओवरब्रिज के पास पहुंचे, वहां पीआरवी की तीन गाड़ियों ने उन्हें ओवरटेक कर रोक लिया। मोहम्मद उजैर के मुताबिक, पुलिसकर्मियों ने प्रत्येक सिपाही के लिए ₹500 की मांग की। जब उन्होंने और चालक ने पैसे देने से इनकार किया, तो पुलिसकर्मियों ने दोनों को गाड़ी से खींच कर डंडों से पीटना शुरू कर दिया। उजैर की आंख में गंभीर चोट आई। पीड़ित ने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस ने गाड़ी में रखे ₹10 हजार रुपये भी लूट लिए।

हाईवे पर जाम और पुलिस की कार्रवाई
इस बर्बरता के चलते हाईवे पर भीषण जाम लग गया। ट्रैफिक पुलिस ने क्रेन की मदद से पिकअप को किनारे कराया और काफी मशक्कत के बाद यातायात को बहाल किया। हैरानी की बात यह रही कि पीड़ित उजैर और लक्ष्मण पर ही पशु क्रूरता का केस दर्ज कर दिया गया, जबकि वे खुद पुलिस की हिंसा और लूट का शिकार बने थे।

वीडियो वायरल होते ही अधिकारियों ने की सख्त कार्रवाई
घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसके बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। डीसीपी साउथ दीपेंद्र नाथ चौधरी ने जांच की जिम्मेदारी एडीसीपी साउथ योगेश कुमार और डॉयल-112 प्रभारी को सौंपी। जांच में सामने आया कि घटना के समय तीनों पीआरवी गाड़ियों की लोकेशन घटनास्थल पर ही थी और उजैर ने पुलिसकर्मियों की पहचान भी कर दी थी। जांच में पुलिसकर्मियों की भूमिका संदिग्ध पाई गई और उन्हें व्यापारी से मारपीट व लूट के लिए जिम्मेदार ठहराया गया।

11 पुलिसकर्मी निलंबित
पशु व्यापारी से मारपीट और रुपए लूटने के मामले में 11 पुलिसकर्मी दोषी पाए गए हैं। सभी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है और उनके खिलाफ विभागीय जांच भी शुरू की गई है।

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