Edited By Mamta Yadav,Updated: 17 Aug, 2025 05:30 PM

जिले के असोथर थाना क्षेत्र के ग्राम छब्बापुर में झोलाछाप डॉक्टर की लापरवाही ने एक गर्भवती महिला की जान ले ली। महिला की मौत से परिजनों में आक्रोश है और गांव में मातम पसरा हुआ है।
Fatehpur News, (मोहम्मद यूसुफ): जिले के असोथर थाना क्षेत्र के ग्राम छब्बापुर में झोलाछाप डॉक्टर की लापरवाही ने एक गर्भवती महिला की जान ले ली। महिला की मौत से परिजनों में आक्रोश है और गांव में मातम पसरा हुआ है।

महिला की हालत बिगड़ती देख डॉक्टर और नर्स मौके से फरार
जानकारी के मुताबिक मृतका का नाम शिवकली था, जो पांच महीने की गर्भवती थी। उसके पति प्रमोद कुमार दिल्ली में रहकर परिवार का पालन पोषण करते हैं। प्रमोद और शिवकली के तीन बच्चे एक बेटी और दो बेटे भी हैं। बताया जा रहा है कि कल दोपहर अचानक शिवकली को पेट दर्द की शिकायत हुई। घर में कोई न होने के चलते वह नजदीकी जागेश्वर तिराहे पर स्थित डॉ. धनंजय प्रजापति की क्लिनिक पर इलाज कराने पहुंची। वहीं डॉक्टर धनंजय और नर्स पूनम ने गलत इलाज कर दिया। कुछ ही देर में महिला की हालत बिगड़ने लगी। जब स्थिति गंभीर हुई तो डॉक्टर और नर्स मौके से फरार हो गए। थोड़ी देर बाद शिवकली ने दम तोड़ दिया।
तीन बच्चों को अनाथ करने की जिम्मेदारी कौन लेगा?
घटना की सूचना परिजनों को दी गई। महिला के पति प्रमोद कुमार दिल्ली से आज सुबह फतेहपुर पहुंचे तो घर का हाल देखकर वह बेसुध हो गए। इस लापरवाही से न केवल एक गर्भवती महिला की जान गई, बल्कि उसके गर्भस्थ शिशु की भी मौत हो गई। अब तीन छोटे-छोटे बच्चे अनाथ हो गए हैं। परिजनों का आरोप है कि डॉक्टर धनंजय और नर्स पूनम के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। उनका कहना है कि जनपद में ऐसे कई झोलाछाप डॉक्टर खुलेआम लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ कर रहे हैं। सवाल उठता है कि आखिरकार तीन बच्चों को अनाथ करने की जिम्मेदारी कौन लेगा? और कब तक झोलाछाप डॉक्टरों की लापरवाही से लोगों की जान यूँ ही जाती रहेगी।