मुंह पर काली पट्टी, हाथों में तख्तियां...बुलडोजर एक्शन से नाराज सपाइयों का मौन सत्याग्रह, अखिलेश ने किया था पोस्ट

Edited By Pooja Gill,Updated: 02 Sep, 2024 03:16 PM

black band on mouth placards in hands

Varanasi News: उत्तर प्रदेश के वाराणसी के रोहनिया में हुई बुलडोजर कार्रवाई पर सपाइयों ने आक्रोश जताया है। इसका विरोध करते हुए समाजवादी युवजन सभा के कार्यकर्ताओं ने मौन सत्याग्रह किया है...

Varanasi News: उत्तर प्रदेश के वाराणसी के रोहनिया में हुई बुलडोजर कार्रवाई पर सपाइयों ने आक्रोश जताया है। इसका विरोध करते हुए समाजवादी युवजन सभा के कार्यकर्ताओं ने मौन सत्याग्रह किया है। उन्होंने आज यानी सोमवार को संगठन के प्रदेश महासचिव किशन दीक्षित के नेतृत्व में मैदागिन टाउनहाल स्थित गांधी प्रतिमा के समक्ष मुंह पर काली पट्टी बांधकर सत्याग्रह शुरू कर दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि रोहनिया में 55 साल पहले 1968 में बने गांधी चबूतरा व भारत माता मंदिर को चौड़ीकरण के नाम पर तोड़ दिया गया है।

मुंह पर काली पट्टी बांधकर किया प्रदर्शन
दरअसल, रोहनिया में सड़क चौड़ीकरण के लिए अतिक्रमण हटाने का सिलसिला जारी है। इसी क्रम में वाराणसी विकास प्राधिकरण की ओर से गांधी चबूतरा व भारत माता मंदिर पर बुलडोजर चलाकर ध्वस्त किया गया था। इस मामले में समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने भी नाराजगी जताई थी। इसके बाद अब सपाइयों ने इस पर नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा की जा रही इस कार्रवाई को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जिसके चलते उन्होंने टाउनहॉल स्थित गांधी प्रतिमा के पास मौन सत्याग्रह किया और मौजूदा सरकार पर सवाल उठाया। सत्याग्रह पर बैठे समाजवादी पार्टी युवजन सभा के प्रदेश महासचिव किशन दीक्षित ने कहा कि काशी के प्रतीक चिन्हों को विकास के नाम पर तोड़कर भाजपा सरकार वाराणसी की विरासत को ही खंडित कर देना चाहती है। उन्होंने मुंह पर काली पट्टी व हाथों में तख्तियां लेकर प्रदर्शन किया।  तख्तियों पर 'क्योटो के सपने पर बुलडोजर की योजनाएं, काशी की धरोहर गिर रही है और भाजपा के वादे टूट रहे हैं, गांधी की विरासत तो गिरा देंगे लेकिन उनके विचारों को कैसे मिटाओगे' जैसे स्लोगन के जरिए सरकार के खिलाफ मौन सत्याग्रह किया।

 


अखिलेश ने किया था ये पोस्ट
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा, ''काशी के प्रतीक चिन्हों को विकास के नाम पर तोड़कर भाजपा सरकार क्या वाराणसी की विरासत को ही खंडित कर देना चाहती है। अब रोहनिया में 55 साल पहले 1968 में बने गांधी चबूतरा व भारत माता मंदिर को चौड़ीकरण के नाम पर तोड़ दिया गया है। अगर ‘क्योटो’ इतिहास की धरोहर को धूल में मिलाकर बनना है तो परंपरा प्रेमी काशीवासियों के बीच इसके लिए एक सार्वजनिक जनमत करा लेना चाहिए।''

 

 

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