Edited By Ramkesh,Updated: 07 Jul, 2025 07:08 PM

उत्तर प्रदेश के अंबेडकरनगर जिले में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। करीब एक दशक पहले मृत पाए गए तत्कालीन एसीएमओ (अपर मुख्य चिकित्साधिकारी) डॉ. ब्रह्मणारायण तिवारी के सरकारी आवास से 22,48,505 रुपये मिले हैं। सीएमओ ने प्रमुख सचिव, महानिदेशक...
अंबेडकरनगर( कार्तिकेय द्विवेदी): उत्तर प्रदेश के अंबेडकरनगर जिले में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। करीब एक दशक पहले मृत पाए गए तत्कालीन एसीएमओ (अपर मुख्य चिकित्साधिकारी) डॉ. ब्रह्मणारायण तिवारी के सरकारी आवास से 22,48,505 रुपये मिले हैं। सीएमओ ने प्रमुख सचिव, महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं, एडी, डीएम व एसपी को पत्राचार कर इस धनराशि का परीक्षण करते हुए राजकीय कोष में जमा करवाने की मांग की है।
संदिग्ध परिस्थितियों में एसीएमओ की हुई थी मौत
प्राप्त जानकारी के अनुसार, मूल रूप से प्रतापगढ़ निवासी डॉ. बीएन तिवारी का 2014 में रहस्यमय परिस्थितियों में निधन हो गया था। वह मीरानपुर सीएचसी के सरकारी क्वार्टर में अकेले रहते थे। 29 जनवरी 2014 को जब वे सुबह घर से बाहर नहीं निकले, तो प्रशासन ने दरवाजा तोड़ा और उनका शव बिस्तर पर पाया गया। इसके बाद उस कमरे को सील कर दिया गया था।
मरम्मत के आदेश पर खुला राज
हाल ही में जिलाधिकारी अनुपम शुक्ला के निर्देश पर आवास की मरम्मत कराई जा रही थी। मरम्मत कार्य के दौरान जब सील तोड़ी गई, तो कमरे के बिस्तर के नीचे से 22 लाख रुपये से अधिक की नकदी बरामद हुई। यह राशि 1000 और 500 रुपये के पुराने नोटों में थी, जो अब अमान्य हो चुके हैं।
सीएमओ ने दी जानकारी
मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. संजय कुमार शैवाल ने बताया कि बरामद की गई नकदी को जिलाधिकारी के आदेश पर सरकारी खजाने (त्रेजरी) में जमा करा दिया गया है। फिलहाल इस मामले में कोई आपराधिक मुकदमा दर्ज नहीं किया गया है। घटना के बाद इलाके में इस मामले को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं, क्योंकि 10 वर्षों तक सील कमरे में बड़ी धनराशि का रहना अपने आप में कई सवाल खड़े करता है।