Edited By Deepika Rajput,Updated: 23 Oct, 2019 10:35 AM
जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तानी गोलाबारी में शहीद हुए हवलदार पदम बहादुर श्रेष्ठ और राइफलमैन गामिल कुमार श्रेष्ठ को 39 गोरखा ट्रेनिंग सेंटर (जीटीसी) सेना के जवानों ने सशस्त्र सलामी दी। उन्हें नम आंखों से अंतिम विदाई दी गई।
वाराणसीः जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तानी गोलाबारी में शहीद हुए हवलदार पदम बहादुर श्रेष्ठ और राइफलमैन गामिल कुमार श्रेष्ठ को 39 गोरखा ट्रेनिंग सेंटर (जीटीसी) सेना के जवानों ने सशस्त्र सलामी दी। उन्हें नम आंखों से अंतिम विदाई दी गई।
इससे पहले वाराणसी के लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एयर इंडिया के विमान से दोनों शहीदों के पार्थिव शरीर पहुंचने पर प्रशासनिक अधिकारियों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। हवाई अड्डा से शहीदों के पार्थिव शरीर 39 जीटीसी परिसर पहुंचने पर उनके परिजनों एवं अन्य जवानों की आंखें नम हो गईं। उन्होंने पुष्पांजलि अर्पित कर उनके अंतिम दर्शन किए।
हवलदार पदम और राइफलमैन गामिल ने 39 जीटीसी में ट्रेनिंग ली थी। पदम करीब 17 वर्षों से देश की सेवा कर रहे थे, जबकि गामिल 2017 में यहां ट्रेनिंग पूरी करने के बाद जम्मू-कश्मीर में तैनात किए गए थे। असम निवासी शहीद पदम एवं नेपाल के रहने वाले गामिल रविवार को जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में पाकिस्तानी गोलाबारी में शहीद हो गए थे।