महंत नरेंद्र गिरि की कड़ी प्रतिक्रिया, कहा- जूता मारने वाली BSP कैसे करनी लगी ब्राह्मणों का सम्मान

Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 26 Jul, 2021 03:22 PM

strong reaction of mahant narendra giri said how bsp started

यूपी में हो रहे ब्राह्मण सम्मेलन पर साधु संतों की सबसे बड़ी संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने इसे हिन्दू समाज पर कुठाराघात करार दिया है।  बीएसपी के ब्राह्मण सम्मेलन को लेेकर...

लखनऊः यूपी में हो रहे ब्राह्मण सम्मेलन पर साधु संतों की सबसे बड़ी संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने इसे हिन्दू समाज पर कुठाराघात करार दिया है।  बीएसपी के ब्राह्मण सम्मेलन को लेेकर उन्होंने कहा कि कभी तिलक- तराजू और तलवार का नारा देने वाली पार्टी सिर्फ सियासी फायदे के लिए कर ब्राह्मण सम्मेलन कर रही है। उन्होंने कहा कि पहले ब्राह्मणों को जूते मारने की बात करने वाली पार्टी को अचानक कैसे उनके सम्मान की याद आ गई है। उन्होंने कहा है कि सिर्फ सियासी फायदे के लिए ब्राह्मण सम्मेलन आयोजित किये जा रहे हैं। 

उन्होंने कहा कि इसके जरिए हिंदुओं को जातियों में बांटने की कोशिश हो रही है। उन्होंने कहा है कि जाति के नाम पर सम्मेलन करना पूरी तरह से गलत है, क्योंकि इससे हिंदू समाज अलग-अलग वर्गों में बंटेगा और हिन्दू समाज कमजोर होगा। अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने कहा है कि ब्राह्मण समाज के लोग बुद्धिजीवी हैं उन्हें अपने नफे नुकसान का ठीक से अंदाजा भी है। इसलिए बसपा और सपा समेत कोई भी अन्य पार्टी उन्हें कतई बरगला नहीं सकती है। उन्होंने कहा है कि ब्राह्मणों को पता है कि उन्हें कहां वोट करना चाहिए और कहां उनका फायदा है।

महंत नरेंद्र गिरि ने कहा है कि जातीय आधार पर हो रहे राजनीतिक सम्मेलनों को लेकर चुनाव आयोग को भी संज्ञान लेना चाहिए। उन्होंने सम्मेलनों पर फौरन रोक लगाए जाने की मांग की है। महंत नरेंद्र गिरी ने कहा है कि साधु संत और आरएसएस हिंदू समाज को एकजुट करने में लगे हुए हैं। जबकि सियासी पार्टियां उन्हें जातियों में बांट कर अपना हित साधने में लगी हैं। उनके मुताबिक इस तरह के सम्मेलनों से हिंदू समाज को भारी नुकसान होगा। 

उन्होंने सवाल किया कि चुनाव से पहले ही सपा-बसपा को क्यों ब्राह्मणों की याद आयी है। गिरि ने सुझाव दिया है कि जातीय सम्मेलनों के बजाय विकास के मुद्दे पर अपनी नीतियों और कार्यक्रमों के ज़रिये सियासी पार्टियों को जनता से वोट मांगना चाहिए। 

Related Story

Trending Topics

img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!