Edited By Anil Kapoor,Updated: 23 Dec, 2025 11:23 AM

Agra News: आगरा पुलिस कमिश्नरेट के थाना किरावली से एक बेहद गंभीर और सनसनीखेज मामला सामने आया है, जिसने पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। हत्या के एक मामले में पूछताछ के दौरान पुलिस पर एक युवक को थर्ड डिग्री टॉर्चर देने का आरोप......
Agra News: आगरा पुलिस कमिश्नरेट के थाना किरावली से एक बेहद गंभीर और सनसनीखेज मामला सामने आया है, जिसने पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। हत्या के एक मामले में पूछताछ के दौरान पुलिस पर एक युवक को थर्ड डिग्री टॉर्चर देने का आरोप लगा है। पीड़ित युवक की हालत इतनी खराब हो गई कि उसके दोनों पैर टूट गए और उसे आनन-फानन में अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।
पीड़ित का आरोप: 2 दिन तक दी गई अमानवीय यातनाएं
पीड़ित 35 वर्षीय युवक राजू का कहना है कि हत्या का जुर्म कबूल कराने के लिए पुलिस ने उसे दो दिनों तक लगातार प्रताड़ित किया। राजू के अनुसार, पूछताछ के नाम पर उसके पैरों पर डंडों से वार किए गए, उसे उल्टा लटकाया गया और बेहोश होने तक पीटा गया। लगातार पिटाई के कारण उसकी हालत बिगड़ती चली गई। जब उसकी तबीयत ज्यादा खराब हो गई, तो पुलिस ने मामले को दबाने के लिए उसे चुपचाप निजी वाहन से अस्पताल पहुंचा दिया।
किसान की मौत से जुड़ा है मामला
यह पूरा मामला थाना किरावली क्षेत्र में 6 जून को हुई किसान वनवीर सिंह की संदिग्ध मौत से जुड़ा है। मृतक के गले पर निशान पाए जाने के बाद पुलिस ने हत्या की आशंका जताई थी। इसी केस में गांव के ही रहने वाले राजू को 20 दिसंबर को पूछताछ के लिए थाने बुलाया गया था। आरोप है कि इसी दौरान पुलिस ने उसके साथ बर्बरता की।
थानाध्यक्ष समेत 3 पुलिसकर्मी निलंबित
मामला सामने आते ही पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। आगरा पुलिस कमिश्नरेट ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर जानकारी देते हुए बताया कि इस घटना के बाद थाना किरावली के थानाध्यक्ष, एक उपनिरीक्षक और एक बीट आरक्षी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। इसके अलावा अछनेरा के एसीपी राम प्रवेश गुप्ता का भी तबादला कर दिया गया है।
निष्पक्ष जांच के आदेश
पुलिस कमिश्नरेट ने बताया कि पूरे मामले की निष्पक्ष जांच अपर पुलिस आयुक्त रामबदन सिंह को सौंपी गई है। जांच रिपोर्ट आने के बाद दोषियों के खिलाफ आगे की सख्त कार्रवाई की जाएगी।
अस्पताल में भर्ती पीड़ित, हालत पर नजर
फिलहाल पीड़ित युवक राजू अस्पताल में भर्ती है और डॉक्टर उसकी हालत पर लगातार नजर बनाए हुए हैं। यह मामला न सिर्फ पुलिस की पूछताछ की प्रक्रिया पर सवाल उठाता है, बल्कि कानून के रखवालों की जवाबदेही और मानवाधिकारों के पालन को लेकर भी गंभीर बहस को जन्म दे रहा है।