Edited By Ramkesh,Updated: 11 Dec, 2025 06:05 PM

उत्तर प्रदेश में बहराइच जिले के महाराजगंज इलाके में 13 अक्टूबर 2024 को दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान हुई हिंसा में मारे गए रामगोपाल मिश्रा के मामले में कोर्ट ने आज आज मुख्य दोषी सरफराज को फांसी की सजा और उसके पिता, दो भाइयों समेत 9 को उम्रकैद की...
बहराइच: उत्तर प्रदेश में बहराइच जिले के महाराजगंज इलाके में 13 अक्टूबर 2024 को दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान हुई हिंसा में मारे गए रामगोपाल मिश्रा के मामले में कोर्ट ने आज आज मुख्य दोषी सरफराज को फांसी की सजा और उसके पिता, दो भाइयों समेत 9 को उम्रकैद की सजा सुनाई। कड़ी सुरक्षा के बीच सभी दोषियों को कोर्ट परिसर लाया गया और फैसला सुनाए जाने के दौरान पूरे क्षेत्र में पुलिस की सख्त व्यवस्था रही।
21 को नवंबर कोर्ट ने फैसला को रखा था सुरक्षित
आप को बता दें कि इस मामले में पुलिस ने विस्तृत जांच के बाद 11 जनवरी 2025 को सभी आरोपियों के खिलाफ अपर सत्र न्यायाधीश की अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया था। अदालत ने 18 फरवरी 2025 को आरोप तय किए और मुकदमे की सुनवाई के दौरान 12 गवाहों ने न्यायालय में महत्वपूर्ण गवाही दी। सभी पक्षों की दलीलों के बाद न्यायाधीश ने 21 नवंबर 2025 को फैसला सुरक्षित कर लिया था।
तीन आरोपी बरी
इसके बाद 9 दिसंबर 2025 को कोर्ट ने कुल 13 में से 10 आरोपियों—अब्दुल हमीद, फहीम, सरफराज, तालिब, सैफ, जावेद, जिशान, ननकऊ, शोएब और मारुफ—को दोषी करार दिया। वहीं तीन आरोपियों—खुर्शीद, शकील और अफजल—को संदेह का लाभ देते हुए बरी किया गया।
13 महीने 26 दिन में कोर्ट ने सुनाया ऐतिहासिक फैसला
शासकीय अधिवक्ता प्रमोद सिंह के अनुसार यह मुकदमा 13 महीने 26 दिन में पूरा हुआ। उन्होंने बताया कि धारा 103/2 के तहत सामूहिक मोब्लिचिंग और धार्मिक आधार पर हत्या के दोषियों को फांसी या आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान है। इसके अतिरिक्त अन्य धाराओं—190, 109(2), 191(2), 191(3), 249 एवं आर्म्स एक्ट की धारा 30—के तहत भी कठोर सजा निर्धारित है।
रामगोपाल मिश्रा का परिवार बोला दोषियों को मिले सजा
इधर, मृतक रामगोपाल मिश्रा के परिवार ने तीन आरोपियों के बरी होने पर असंतोष जताया है। परिजनों ने कहा कि “दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए। जिन लोगों को बरी किया गया है, वे भी घटना में शामिल थे।” हालांकि कानूनी विशेषज्ञों के अनुसार आगे अपील की संभावना मौजूद है।