227 ATM, 222 पासबुक, 18 मोबाइल और 12 लाख कैश… नोएडा के एक फ्लैट से बेनकाब हुआ रामपुर के 6 युवकों का साइबर ठगी का बड़ा खेल

Edited By Anil Kapoor,Updated: 26 Dec, 2025 07:02 AM

rampur police arrest 6 members of interstate cyber fraud gang

Rampur News: रामपुर पुलिस को साइबर अपराध के खिलाफ बड़ी सफलता मिली है। पार्ट टाइम जॉब, गेमिंग और ऑनलाइन कमाई का झांसा देकर लोगों से ठगी करने वाले एक अंतर्राज्यीय साइबर फ्रॉड गिरोह के 6 सदस्यों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोपियों के पास से बड़ी...

Rampur News: रामपुर पुलिस को साइबर अपराध के खिलाफ बड़ी सफलता मिली है। पार्ट टाइम जॉब, गेमिंग और ऑनलाइन कमाई का झांसा देकर लोगों से ठगी करने वाले एक अंतर्राज्यीय साइबर फ्रॉड गिरोह के 6 सदस्यों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोपियों के पास से बड़ी मात्रा में बैंकिंग दस्तावेज, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण और नकदी बरामद हुई है, जिससे गिरोह के बड़े और संगठित नेटवर्क का खुलासा हुआ है। यह कार्रवाई थाना सिविल लाइंस पुलिस, साइबर क्राइम सेल और क्राइम ब्रांच की संयुक्त टीम ने की। पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली थी कि साइबर ठगी का यह गिरोह नोएडा के एक फ्लैट से संचालित हो रहा है। सूचना के आधार पर पुलिस टीम ने वहां दबिश दी और मौके से छह आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।

तलाशी में चौंकाने वाला सामान बरामद
पुलिस जब फ्लैट की तलाशी लेने पहुंची तो भारी मात्रा में आपत्तिजनक सामान मिला। आरोपियों के पास से 227 एटीएम कार्ड, 222 बैंक पासबुक, 47 चेकबुक, 4 लैपटॉप, 18 मोबाइल फोन, 16 सिम कार्ड और एक वाई-फाई राउटर बरामद किया गया। इसके अलावा जांच के दौरान आरोपियों के बैंक खातों में करीब 12 लाख रुपये की ठगी की रकम मिली, जिसे पुलिस ने तुरंत सीज कर दिया है। पुलिस का कहना है कि यह रकम अलग-अलग लोगों से ठगी करके जुटाई गई थी और अभी कई अन्य खातों की जांच चल रही है।

ऐसे दिया जाता था ठगी को अंजाम
पुलिस जांच में सामने आया है कि यह गिरोह खासतौर पर बेरोजगार युवाओं, छात्रों और गृहणियों को अपना निशाना बनाता था। सोशल मीडिया, मैसेजिंग ऐप और फर्जी वेबसाइट के जरिए पार्ट टाइम जॉब, ऑनलाइन टास्क और गेमिंग से कमाई का लालच दिया जाता था।शुरुआत में पीड़ितों से छोटे-छोटे काम कराए जाते थे, ताकि उनका भरोसा जीता जा सके। इसके बाद जैसे ही पीड़ित ज्यादा पैसे लगाने या ट्रांजैक्शन करने के लिए तैयार होता, गिरोह ओटीपी, यूपीआई आईडी और बैंक से जुड़ी जानकारी हासिल कर लेता था। जानकारी मिलते ही पीड़ित के खाते से पैसे निकाल लिए जाते थे। कई मामलों में पीड़ितों को डराकर दोबारा भी ठगी की जाती थी।

पहले भी पकड़ में आ चुका है नेटवर्क
सीओ सिटी रामपुर जितेंद्र कुमार ने बताया कि पुलिस पहले से इस गिरोह पर नजर रखे हुए थी। उन्होंने बताया कि 27 अक्टूबर को सिविल लाइंस थाने में दर्ज एक मामले में इसी नेटवर्क से जुड़े सात आरोपियों को पहले ही जेल भेजा जा चुका है। उस मामले का मुख्य आरोपी सलमान अंसारी उर्फ राजा फरार था और पुलिस लगातार उसकी तलाश कर रही थी। हाल ही में मुखबिर से सूचना मिली कि सलमान राजा नोएडा में रहकर गिरोह का संचालन कर रहा है। इसी सूचना पर पुलिस टीम ने कार्रवाई करते हुए यह बड़ी गिरफ्तारी की।

करोड़ों की संपत्ति की जांच जारी
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, पूछताछ में यह भी सामने आया है कि इस गिरोह के पास करोड़ों रुपये की संपत्तियां हो सकती हैं। कुछ संपत्तियां जमीन-जायदाद के रूप में हैं तो कुछ डिजिटल संपत्तियों के तौर पर। फिलहाल इन सभी की जांच की जा रही है और कानूनी प्रक्रिया के तहत इन्हें सीज करने की तैयारी है। पुलिस का कहना है कि यह गिरोह सिर्फ उत्तर प्रदेश में ही नहीं, बल्कि आसपास के कई राज्यों में भी सक्रिय था। अलग-अलग राज्यों में छोटे-छोटे ग्रुप बनाकर ठगी की वारदातों को अंजाम दिया जाता था, ताकि पुलिस की पकड़ से बचा जा सके।

गिरोह का सरगना अब भी फरार
हालांकि इस मामले में छह आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है, लेकिन गिरोह का मुख्य सरगना सलमान अंसारी उर्फ राजा अभी भी फरार है। पुलिस का कहना है कि उसकी गिरफ्तारी के लिए लगातार दबिश दी जा रही है और जल्द ही उसे भी पकड़ लिया जाएगा। अधिकारियों ने दावा किया है कि पूरे नेटवर्क को जड़ से खत्म किया जाएगा।

पुलिस टीम को मिला इनाम
इस सफल कार्रवाई के लिए रामपुर के पुलिस अधीक्षक ने पूरी टीम की सराहना की है और जांच टीम को 25 हजार रुपये का नकद इनाम देने की घोषणा की है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि साइबर अपराध के खिलाफ अभियान आगे भी जारी रहेगा।

आम जनता के लिए पुलिस की अपील
पुलिस ने आम लोगों से अपील की है कि किसी भी अनजान कॉल, मैसेज या लिंक पर भरोसा न करें। पार्ट टाइम जॉब, गेमिंग या आसान कमाई के नाम पर अगर कोई ओटीपी, यूपीआई या बैंक डिटेल्स मांगता है, तो तुरंत सतर्क हो जाएं। ऐसी किसी भी घटना की सूचना तुरंत पुलिस या साइबर हेल्पलाइन नंबर पर दें।

Related Story

Trending Topics

img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!