250 टांके, हाथ-पैर में रॉड… हाई कोर्ट में अंग्रेजी में हुई बहस, उन्नाव रेप पीड़िता ने बयां किया अपना दर्द; अब सुप्रीम कोर्ट से न्याय की मांग

Edited By Anil Kapoor,Updated: 25 Dec, 2025 12:06 PM

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Unnao News: उत्तर प्रदेश के बहुचर्चित उन्नाव गैंगरेप मामले में दिल्ली हाई कोर्ट के हालिया आदेश ने फिर से देशभर में बहस को तेज कर दिया है। हाई कोर्ट ने आरोपी पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को बेल देने का निर्णय दिया था, जिससे पीड़िता के पुराने जख्म...

Unnao News: उत्तर प्रदेश के बहुचर्चित उन्नाव गैंगरेप मामले में दिल्ली हाई कोर्ट के हालिया आदेश ने फिर से देशभर में बहस को तेज कर दिया है। हाई कोर्ट ने आरोपी पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को बेल देने का निर्णय दिया था, जिससे पीड़िता के पुराने जख्म फिर से ताजा हो गए। इस फैसले के बाद पीड़िता ने आजतक से अपनी पीड़ा और अनुभव साझा किए।

पीड़िता ने लगाए गंभीर आरोप
पीड़िता ने बताया कि इंडिया गेट पर हुए प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने उन्हें जबरन गाड़ी में बैठाया, खींचा और धक्का दिया। उनका कहना है कि उनके पूरे शरीर में लगभग 250 टांके हैं और हाथ-पैर में रॉड लगी हुई थी, फिर भी पुलिस ने उन्हें घसीटा। उन्होंने कहा, "मैं कोर्ट गई थी, लेकिन खुद को बेबस महसूस किया। बहस अंग्रेजी में हो रही थी, अगर हिंदी होती तो मैं पूछ सकती कि मेरे साथ ऐसा क्यों हुआ।"

भावनात्मक दर्द और सुसाइड का ख्याल
पीड़िता ने खुलासा किया कि हाई कोर्ट के फैसले के बाद उन्हें इतना दुख हुआ कि सुसाइड का ख्याल भी आया। लेकिन उन्होंने अपने बच्चों और परिवार को सोचकर यह कदम नहीं उठाया। उन्होंने कहा, "अगर भगवान ने मुझे जिंदा रखा है, तो शायद संघर्ष के लिए रखा है।"

सुरक्षा और डर के साए में परिवार
पीड़िता ने आरोप लगाया कि जमानत प्रक्रिया के दौरान और उसके बाद उनके परिवार, समर्थकों और गवाहों की सुरक्षा धीरे-धीरे हटा दी गई। उनका कहना है कि आरोपी सत्ता में प्रभावशाली है, इसलिए डर सिर्फ जेल से बाहर आने का नहीं, बल्कि उसके समर्थकों और नेटवर्क से भी है। उन्होंने कहा, "आज मेरे साथ हुआ है, कल मेरी बेटी या बेटा इसके शिकार हो सकते हैं। मैंने झेला, लेकिन मेरी बेटी कैसे झेलेगी।"

परिवार के प्रति अन्याय
पीड़िता ने यह भी कहा कि उनके चाचा ने कोई अपराध नहीं किया, फिर भी सात साल से जेल में हैं। वहीं जिसने उनके साथ जघन्य अपराध किया, उसे बेल मिल रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि आरोपी सत्ता में रह चुका है, इसलिए सिस्टम उसके आगे कमजोर नजर आता है।

जमानत को खतरनाक संकेत
पीड़िता का कहना है कि गैंगरेप जैसे मामलों में जमानत मिलना न्याय व्यवस्था के लिए खतरनाक संकेत है। अगर रेप में बेल मिल सकती है, तो मर्डर केस में भी मिल सकती है। उनका कहना है कि यह सिर्फ उन्हें नहीं, बल्कि हर बेटी को डराता है जो न्याय की उम्मीद में जी रही है।

इंडिया गेट पर प्रदर्शन और पुलिस पर आरोप
पीड़िता ने इंडिया गेट पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन के दौरान पुलिस के दुरव्यवहार का खुलासा किया। उनका कहना है कि पुलिस ने उन्हें जबरन गाड़ी में बैठाया, खींचा और घसीटा। उन्होंने पुलिस पर शराब पीकर ड्यूटी करने का भी आरोप लगाया।

आगे की लड़ाई, सुप्रीम कोर्ट
पीड़िता ने साफ कहा कि वह अब पीछे नहीं हटेंगी। जब तक आरोपी की बेल रद्द नहीं होती, वे शांत नहीं बैठेंगी। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट पर भरोसा जताया और कहा कि जैसे ही कोर्ट खुलेगा, वे वहां आवेदन दायर करेंगी और न्याय की मांग करेंगी।

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