पुलिस के लिए सिरदर्द बना शूटर गुड्ड मुस्लिमः पकड़ना मुश्किल ही नहीं, अब लग रहा है नामुमकिन

Edited By Ajay kumar,Updated: 18 Sep, 2023 08:46 PM

not only difficult to catch shooter gudd muslim but now it seems impossible

अमिताभ बच्चन की हिट फिल्म डॉन का चर्चित डायलाग- 'डान का इंतजार तो 11 मुल्कों की पुलिस कर रही है, लेकिन डान को पकड़ना मुश्किल ही नहीं, नामुमकिन है।' हाल के वर्षों में प्रदेश का सबसे चर्चित और सनसनीखेज वारदात प्रयागराज के उमेश पाल हत्याकांड का मुख्य...

प्रयागराज: अमिताभ बच्चन की हिट फिल्म डॉन का चर्चित डायलाग- 'डान का इंतजार तो 11 मुल्कों की पुलिस कर रही है, लेकिन डान को पकड़ना मुश्किल ही नहीं, नामुमकिन है।' हाल के वर्षों में प्रदेश का सबसे चर्चित और सनसनीखेज वारदात प्रयागराज के उमेश पाल हत्याकांड का मुख्य शूटर गुड्डू मुस्लिम पर यह डॉयलाग सटीक बैठ रहा है। यह इसलिए भी कि एसटीएफ व उत्तर प्रदेश पुलिस का लंबा फौजफाटा उसकी गिरफ्तारी को लंबे समय से सक्रिय बताया जा रहा है, लेकिन साढ़े छह माह गुजर गए और पांच लाख का यह मोस्टवांटेड शूटर फिर भी पकड़ से दूर हैं। इससे जरायम की दुनिया में खाकी का खौफ पैदा करने की दिशा में लगातार जुटी हुई एसटीएफ और उप्र पुलिस की सक्रियता सवालों के घेरे में आ गई है। यह इसलिए कि घटना के दो दिन बाद से तकरीबन डेढ माह के बीच अरबाज, उस्मान चौधरी और अतीक का बेटा असद व उसके साथी गुलाम को इनकाउंटर में मार गिराया गया। एक दर्जन से अधिक सलाखों के पीछे भेज दिए गए और गुड्डु अभी भी पकड़ से काफी दूर है।

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सवाल यह भी कि क्या गुड्डू मुस्लिम का नेटवर्क इतना बड़ा है कि उप्र पुलिस उसे पकड़ पाने में असहाय है, या उसकी गिरफ्तारी में कोई रूचि नहीं है। अगर वाकई उस तक पहुंचने में पुलिस नाकामयाब है तो फिर हार्डकोर क्रिमिनल पर शिकंजा कसने वाली एसटीएफ टीम की कार्यप्रणाली कठघरे में खड़ी होती है। वहीं, अगर उस पर शिकंजा कसने में रुचि नहीं ले रही है तो उस शक को और बल मिल रहा है कि इस वारदात में एसटीएस को मिली कामयाबियों में गुड्डू मुस्लिम की ही बड़ी भूमिका रहीं।

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अन्य राज्यों की पुलिस भी रही असफल
दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, बिहार झारखंड, बंगाल और उत्तराखंड पुलिस को गिरफ्तारी (हुकूम) तहरीर भेजकर गिरफ्तारी में सहयोग का अनुरोध किया। इसके साथ शूटर्स की फोटो के साथ अन्य जानकारियां भी साझा की गई है। हालांकि शुरूआती दौर में पुलिस को कामयाबी मिली। घटना में शामिल रहे अरबाज और उस्मान चौधरी को क्रमशः 27 फरवरी और 6 मार्च को पुलिस टीम ने मार गिराया। उसके बाद 13 अप्रैल को अतीक का बेटा असद और उसका साथी गुलाम मारे गए। कई की गिरफ्तारी हुई। बाद में पेशी पर इलाहाबाद आए अतीक और उसके भाई अशरफ को भी बदमाशों ने पुलिस अभिरक्षा में ही गोली मारकर हत्या कर दी थी।

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