ललितपुर मेडिकल कॉलेज में बड़ा फर्जीवाड़ा! जीजा की डिग्री पर 3 साल तक कार्डियोलॉजिस्ट बनकर मरीजों का इलाज करता रहा साला—बहन की शिकायत पर खुला राज

Edited By Anil Kapoor,Updated: 12 Dec, 2025 11:03 AM

brother in law pretended to be a doctor for 3 years using brother in law s degre

Lalitpur News: उत्तर प्रदेश के ललितपुर जिले में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। डॉक्टर को जहां लोगों की जान बचाने वाला भगवान माना जाता है, वहीं यहां एक व्यक्ति ने फर्जी डिग्री लगाकर डॉक्टर बनकर लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ किया। चौंकाने वाली बात...

Lalitpur News: उत्तर प्रदेश के ललितपुर जिले में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। डॉक्टर को जहां लोगों की जान बचाने वाला भगवान माना जाता है, वहीं यहां एक व्यक्ति ने फर्जी डिग्री लगाकर डॉक्टर बनकर लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ किया। चौंकाने वाली बात यह कि यह व्यक्ति पिछले 3 साल से मेडिकल कॉलेज के कार्डियोलॉजी विभाग में डॉक्टर बनकर काम कर रहा था।

जीजा की डिग्री लगाकर बन गया 'डॉक्टर'
आरोपी का नाम अभिमन्यु सिंह है। आरोप है कि उसने अपने जीजा राजीव गुप्ता (जो अमेरिका के एक बड़े अस्पताल में कार्यरत हैं) की एमबीबीएस और एमडी की डिग्रियां अपने नाम से इस्तेमाल कीं और मेडिकल कॉलेज में नौकरी हासिल कर ली। शुरुआती जांच में यह मामला सही पाया गया तो पूरा स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन हड़कंप में आ गया।

बहन ने खोली पोल—साथ में सबूत भी दिए
पूरा खेल तब पकड़ा गया, जब अभिमन्यु सिंह की अपनी ही बहन ने मेडिकल कॉलेज पहुंचकर आरोप लगाए कि उनका भाई फर्जी डिग्री लगाकर डॉक्टर बना बैठा है। महिला ने कॉलेज प्रबंधन को कथित दस्तावेज और सबूत दिखाए और बताया कि डिग्री उसके पति राजीव गुप्ता की है। अभिमन्यु सिंह ने मेडिकल कॉलेज के दस्तावेजों में अपने माता-पिता के नाम गलत दर्ज कराए। इतना ही नहीं, उसने आधार कार्ड भी जीजा की फोटो और नाम पर बनवा लिया। शिकायत मिलते ही मामला गंभीर हो गया।

शिकायत लगते ही आरोपी गायब, इस्तीफा भेजकर फरार
जैसे ही अभिमन्यु को पता चला कि उसकी बहन ने शिकायत दे दी है, उसने फौरन नौकरी से इस्तीफा दिया और मौके से फरार हो गया। अब उसकी तलाश जारी है।

मेडिकल कॉलेज में हड़कंप
बहन की शिकायत के बाद मेडिकल कॉलेज में अफरा-तफरी मच गई। प्राचार्य डॉ. मयंक कुमार शुक्ला ने तुरंत जिला प्रशासन को मामले की जानकारी दी। प्रशासन के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग ने आरोपी डॉक्टर की शैक्षणिक डिग्रियों, नियुक्ति दस्तावेजों, पहचान पत्रों की जांच शुरू कर दी है।

प्राचार्य ने दी जानकारी—कहा होगी सख्त कार्रवाई
डॉ. मयंक कुमार शुक्ला ने बताया कि आरोपी तीन साल से कार्डियोलॉजी विभाग में कार्यरत था। शिकायत मिलते ही मामले की गहराई से जांच शुरू कर दी गई है। आरोपी के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उनका कहना है कि यह सिर्फ धोखाधड़ी नहीं बल्कि मरीजों की जान के साथ सीधा खिलवाड़ है, इसलिए विभाग इसे बेहद गंभीरता से ले रहा है।

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