इलाहाबाद HC का अहम फैसला, कहा- महज शादी के लिए धर्म परिवर्तन वैध नहीं

Edited By Moulshree Tripathi,Updated: 30 Oct, 2020 08:47 PM

important decision of allahabad hc conversion is not valid for marriage only

धर्म परिवर्तन को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है। जिसके तहत कोर्ट ने विपरीत धर्म के जोड़े की याचिका को खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि महज शादी...

प्रयागराज: धर्म परिवर्तन को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है। जिसके तहत कोर्ट ने विपरीत धर्म के जोड़े की याचिका को खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि महज शादी के लिए धर्म परिवर्तन वैध नहीं है। जस्टिस एम सी त्रिपाठी की एकल पीठ ने यह फैसला सुनाया है।

बता दें कि कोर्ट ने याचियों को संबंधित मजिस्ट्रेट के समक्ष हाजिर होकर अपना बयान दर्ज कराने की छूट दी थी। जिसमें याची ने परिवार वालों को उनके शांति पूर्ण वैवाहिक जीवन में हस्तक्षेप करने पर रोक लगाने की मांग की थी। वहीं कोर्ट ने विवाहित जोड़े की याचिका पर हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया है।

प्रियांशी उर्फ समरीन व अन्य की ओर से दाखिल याचिका के लिए कोर्ट ने कहा कि एक याची मुस्लिम तो दूसरा हिन्दू है। ऐसे में लड़की ने 29 जून 2020 को हिन्दू धर्म स्वीकार किया और एक महीने बाद 31जुलाई को विवाह कर लिया रिकार्ड से स्पष्ट है कि शादी करने के लिए धर्म परिवर्तन किया गया है। कोर्ट ने इस मामले में नूर जहां बेगम केस के फैसले का हवाला दिया और कहा कि शादी के लिए धर्म बदलना स्वीकार्य नहीं है। गौरतलब है कि इस केस में हिन्दू लड़कियों ने धर्म बदलकर मुस्लिम लड़के से शादी की थी। जिसमें कोर्ट ने कुरान की हदीसों का हवाला देते हुए कहा कि इस्लाम के बारे में बिना जाने और बिना आस्था विश्वास के धर्म बदलना स्वीकार्य नहीं है, ऐसा करना इस्लाम के भी खिलाफ है।

 

 

 

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