Edited By Umakant yadav,Updated: 13 Oct, 2020 03:58 PM
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में हाथरस (Hathras) के पीड़ित परिवार ने मंगलवार यहां कहा है कि जब तक न्याय नहीं मिलेगा वे अपनी बेटी की अस्थियों का विसर्जन नहीं करेंगे।
हाथरस: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में हाथरस (Hathras) के पीड़ित परिवार ने मंगलवार यहां कहा है कि जब तक न्याय नहीं मिलेगा वे अपनी बेटी की अस्थियों का विसर्जन नहीं करेंगे। इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ के समक्ष अपना सोमवार को बयान दर्ज कराने के बाद पीड़ित परिवार देर रात से वापस हाथरस अपने गांव पहुंच गया है। पीड़ित परिवार ने कहा है कि जब तक उनकी बेटी को न्याय नही मिल जाता तब तक वे अस्थि विसर्जन नहीं करेंगे।
पीड़िता के पिता ने पत्रकारों से बातचीत में कहा ‘‘ हमने न्यायालय के आदेश पर अपना बयान दर्ज कराया है। हालाँकि, अंग्रेजी में बातचीत चल रही थी और हम ज्यादा समझ नहीं सकते थे, लेकिन हम यह बता सकते थे कि न्यायालय हाथरस जिला प्रशासन से खुश नहीं था और डीएम को खूब फटकार लगाई। हम अब न्याय चाहते हैं, जब तक हमें न्याय नहीं मिलेगा बेटी की अस्थि को विसर्जित नहीं करेंगे।''
पीड़िता के भाई, जो राष्ट्रीय राजधानी से लौटने पर न्यायलय में अपना बयान दर्ज कराने के लिए लखनऊ गया था, ने कहा, ‘‘ न्यायालय में हमारी बहन के दाह संस्कार से संबंधित प्रश्न पूछे थे। न्यायालय ने यह भी पूछा कि क्या हमारी इच्छा के अनुसार दाह संस्कार किया गया था। यह सुनवाई लगभग एक घंटे तक चली और अधिकांश बातचीत अंग्रेजी में हुई, लेकिन न्यायालय निश्चित रूप से जिलाधिकारी से खुश नहीं था।''