Edited By Mamta Yadav,Updated: 28 May, 2022 08:30 PM

यूपी की सियासत में गर्मी ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है। सूबे में अब योगी आदित्यनाथ बनाम अखिलेश यादव का खेल स्पष्ट रूप से दिखने लगा है। बजट पेश होने के बाद से ही समाजवादी पार्टी योगी सरकार पर हमलावर है। वहीं, अब अखिलेश यादव ने बीजेपी के नेताओं...
लखनऊ: यूपी की सियासत में गर्मी ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है। सूबे में अब योगी आदित्यनाथ बनाम अखिलेश यादव का खेल स्पष्ट रूप से दिखने लगा है। बजट पेश होने के बाद से ही समाजवादी पार्टी योगी सरकार पर हमलावर है। वहीं, अब अखिलेश यादव ने बीजेपी के नेताओं को सेकुलरिज्म फिर से पढ़ने की नसीहत दी है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि बीजेपी को समाजवाद समझने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि उनकी लड़ाई सिर्फ राज्य बचाने की नहीं बल्कि लोकतंत्र बचाने की है।
बता दें कि अखिलेश यादव के समाजवाद वाले बयान पर पूर्व मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने पलटवार करते हुए कहा कि सपा अध्यक्ष किताब न लाए..बल्कि खुद पढ़कर आए कि समाजवाद क्या है ? हालांकि उनके यहां तो समाजवाद नहीं बल्कि परिवारवाद है। वहीं, ज्ञानवापी मस्जिद से जुड़े विवाद पर PFI संगठन की ओर से जारी प्रेस रिलीज पर सिद्धार्थ नाथ सिंह ने आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि PFI एक आतंकी संगठन है। कपिल सिब्बल का नाम लिए बगैर उन्होंने कहा कि जो कभी PFI के वकील हुआ करते थे, वो अब सपा के जरिए राज्यसभा में जा रहे हैं। सिद्धार्थ नाथ ने कहा कि यूपी में बीजेपी की सरकार है और PFI अगर यूपी में घुसने का काम करेगी तो सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।
गौरतलब है कि इस बार यूपी के बजट सत्र में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच वार पलटवार का खेल जारी है। विपक्ष के हर सवाल का जवाब सरकार जोरदार तरीके से विधानसभा में दे रही है। इस बजट सत्र से एक बात तो साफ हो गई है कि यूपी की विधानसभा अगले 5 सालों तक ऐसे ही हंगामेदार रहेगी।