ड्यूटी का दबाव बना काल! BLO तैनात शिक्षक की हार्ट अटैक से मौत—परिजनों का आरोप, प्रशासनिक काम ने ली जान

Edited By Anil Kapoor,Updated: 28 Dec, 2025 10:52 AM

duty pressure proved fatal teacher posted as blo dies of heart attack

Meerut News: उत्तर प्रदेश में मेरठ जिले के कंकरखेड़ा थाना क्षेत्र में एक सरकारी शिक्षक की अचानक हुई मौत से परिवार और शिक्षा विभाग में शोक की लहर है। प्राथमिक विद्यालय में सहायक अध्यापक और वर्तमान में बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) की जिम्मेदारी निभा रहे...

Meerut News: उत्तर प्रदेश में मेरठ जिले के कंकरखेड़ा थाना क्षेत्र में एक सरकारी शिक्षक की अचानक हुई मौत से परिवार और शिक्षा विभाग में शोक की लहर है। प्राथमिक विद्यालय में सहायक अध्यापक और वर्तमान में बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) की जिम्मेदारी निभा रहे विनीत कुमार का हार्ट अटैक से निधन हो गया। परिजनों ने आरोप लगाया है कि प्रशासनिक कार्यों का अत्यधिक दबाव उनकी मौत का कारण बना। विनीत कुमार कस्बा करनावल स्थित प्राथमिक विद्यालय संख्या-2 में सहायक अध्यापक के पद पर कार्यरत थे। वह कंकरखेड़ा थाना क्षेत्र के गोल्ड कोस्ट कॉलोनी, रोहटा रोड के निवासी थे। हाल ही में उन्हें एसआईआर (स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन) अभियान के तहत बीएलओ की ड्यूटी सौंपी गई थी। इस दौरान वह बूथ संख्या-164, गोपाल जूनियर स्कूल, कक्ष संख्या-4, शोभापुर में मतदाता सत्यापन से जुड़ा कार्य देख रहे थे।

पहले से खराब थी तबीयत
परिजनों के अनुसार, विनीत कुमार पहले से ही बीमार चल रहे थे। उन्होंने अपनी तबीयत को लेकर विभागीय अधिकारियों को जानकारी भी दी थी। इसके बावजूद उनसे लगातार भारी काम कराया जा रहा था। 26 दिसंबर को एसआईआर अभियान की अंतिम तारीख होने के कारण उन पर काम पूरा करने का काफी दबाव था। परिवार का कहना है कि विनीत देर रात तक दस्तावेजों और ऑनलाइन कार्यों में लगे रहे, जिससे उनकी हालत और ज्यादा बिगड़ गई।

सुबह आया हार्ट अटैक
बताया जा रहा है कि शनिवार सुबह करीब पांच बजे अचानक उन्हें सीने में तेज दर्द हुआ। परिजन तुरंत उन्हें अस्पताल ले जाने लगे, लेकिन रास्ते में ही उनकी मौत हो गई। अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इस खबर के बाद परिवार में कोहराम मच गया।

शिक्षकों में नाराजगी
विनीत कुमार की मौत की खबर फैलते ही शिक्षा विभाग और शिक्षकों में गहरा शोक और आक्रोश देखने को मिला। कई शिक्षकों ने सवाल उठाए कि चुनाव और प्रशासनिक कार्यों के नाम पर शिक्षकों पर लगातार बढ़ता दबाव उनकी सेहत के लिए खतरनाक साबित हो रहा है।

प्रशासन ने लिया संज्ञान
मामले को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों ने संज्ञान लिया है। अधिकारियों का कहना है कि पूरे मामले की समीक्षा की जा रही है। वहीं, परिजन मांग कर रहे हैं कि इस घटना को गंभीरता से लिया जाए और भविष्य में बीमार कर्मचारियों पर इस तरह का अतिरिक्त कार्यभार ना डाला जाए, ताकि दोबारा ऐसी दुखद घटना ना हो।

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