यूपी भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष का चुनौतियां भरा सफर शुरू, आसान नहीं है आगे की राह...

Edited By Pooja Gill,Updated: 15 Dec, 2025 11:49 AM

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लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी को पार्टी में उत्तर प्रदेश का नया अध्यक्ष नियुक्त किया है। भाजपा के इस फैसले को 2024 के लोकसभा चुनावों में पूर्वी उत्तर...

लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी को पार्टी में उत्तर प्रदेश का नया अध्यक्ष नियुक्त किया है। भाजपा के इस फैसले को 2024 के लोकसभा चुनावों में पूर्वी उत्तर प्रदेश में अपेक्षाकृत कमजोर प्रदर्शन और 2027 के विधानसभा चुनावों की रणनीति से जोड़कर देखा जा रहा है। नए प्रदेश अध्यक्ष के सामने चुनौतियां भी कम नहीं हैं। इसके अलावा, अगले वर्ष प्रस्तावित त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव भी नेतृत्व चयन में अहम कारक रहे। ऐसे में पार्टी ने एक बार फिर ओबीसी नेतृत्व को आगे कर सामाजिक संतुलन साधने की कोशिश की है। 

योगी के साथ तालमेल बैठाना भी बड़ी चुनौती
नामांकन के बाद पंकज चौधरी ने कहा,‘‘जो पार्टी दायित्व देती है, उस पर निष्ठा से कार्य करना ही कर्तव्य है। मैं कार्यकर्ताओं के साथ हमेशा खड़ा रहूँगा और उनकी बात सुनूँगा।' दरअसल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखपुर से सांसद रहे हैं और फिलहाल गोरखपुर शहरी सीट से विधायक हैं, इसी जिले की पड़ोसी सीट महाराजगंज से पंकज चौधरी सांसद हैं। उनके सामने एक बड़ी चुनौती योगी के साथ तालमेल बैठाना भी है। इस फैसले के साथ ही राज्य में पार्टी के सबसे अहम संगठनात्मक पद को लेकर चल रही महीनों की अटकलों पर विराम लग गया। पंकज चौधरी भाजपा के 15वें प्रदेश अध्यक्ष होंगे और वह प्रदेश में पार्टी की कमान संभालने वाले चौथे कुर्मी नेता बने हैं।        

चौधरी का कई जिलों में प्रभाव 
पंकज चौधरी को संगठन और सरकार दोनों का अनुभवी नेता माना जाता है। साल 2021 से वो केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार में मंत्री हैं और वर्तमान में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री की ज़म्मिेदारी संभाल रहे हैं। पार्टी संगठन में भी उनकी पकड़ मज़बूत रही है। राजनीतिक विश्लेषक ने कहा,‘‘भाजपा नए समीकरण की तलाश कर रही है। लेकिन इससे बहुत फ़ायदा होने की उम्मीद नहीं है। भाजपा साल 2024 के लोकसभा चुनाव के नतीजे से डरी हुई है। इस फ़ैसले की वजह यह है कि पंकज चौधरी कुर्मी जाति से आते हैं, जिनका प्रदेश के कई जिलों में प्रभाव माना जाता है।' 

2027 में भाजपा की निगाह पूरे कुर्मी वोट पर
उत्तर प्रदेश में लोकसभा की 80 सीटें हैं। इसमें समाजवादी पार्टी को सबसे अधिक 37, बीजेपी को 33 और उसके सहयोगी अपना दल को एक, रालोद को दो और आज़ाद समाज पार्टी (कांशीराम) को एक सीट मिली। कांग्रेस के प्रदेश में 6 सांसद हैं। साल 2022 के विधानसभा चुनाव में 52 ब्राह्मण विधायक बने, उसके बाद 49 ठाकुर विधायक बने हैं। तीसरे नंबर पर कुर्मी हैं, जिनके 41 विधायक हैं जबकि चौथे नंबर पर 34 विधायक मुस्लिम हैं।  कुर्मी जाति के विधायकों में से भाजपा गठबंधन से 27 हैं, जिसमें अपना दल भी शामिल है। सपा गठबंधन से 13 और एक कुर्मी विधायक कांग्रेस पार्टी से जीतकर सदन पहुंचे हैं। वहीं यादव विधायकों की कुल संख्या सदन में 27 है। भाजपा पिछड़े वर्गों में अपनी पकड़ मज़बूत करने की रणनीति पर काम करती रही है लेकिन पंकज चौधरी को आगे बढ़ाना इसी सामाजिक समीकरण का हिस्सा माना जा रहा है। यही चुनौती भी है कि कैसे इसको साधे रखा जाए। विधानसभा चुनाव 2027 में भाजपा की निगाह पूरे कुर्मी वोट पर है।    
 

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