ब्राह्मण विधायकों की बैठक पर पंकज चौधरी नाराज; अब BJP के इस विधायक ने किया विरोध, प्रदेश अध्यक्ष से किए कई सवाल!

Edited By Pooja Gill,Updated: 28 Dec, 2025 11:24 AM

pankaj chaudhary is angry at the brahmin mlas  meeting

UP Politics: सहभोज के नाम पर हुई ब्राह्मण विधायकों की बैठक का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। इस बैठक के बाद यूपी  भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष पंकज चौधरी ने इसे अनुशासनहीनता बताते हुए फटकार लगा दी...

UP Politics: सहभोज के नाम पर हुई ब्राह्मण विधायकों की बैठक का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। इस बैठक के बाद यूपी  भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष पंकज चौधरी ने इसे अनुशासनहीनता बताते हुए फटकार लगा दी। पंकज चौधरी ने दो टूक कहा, "भविष्य में अगर भाजपा के किसी जनप्रतिनिधि द्वारा इस तरह की गतिविधियों को दोहराया गया, तब ऐसी स्थिति में उसे पार्टी के संविधान के अनुरूप अनुशासन हीनता माना जाएगा। उन्होंने कहा कि जन प्रतिनिधी किसी तरह की 'नकारात्मक राजनीति' का शिकार न बनें। चौधरी के इस बयान ने न सिर्फ विधायकों को नाराज किया है बल्कि सोशल मीडिया पर एक नई बहस छेड़ दी। 

23 दिसंबर को हुई थी बैठक 
जानकारी के मुताबिक, 23 दिसंबर को कुशीनगर से भाजपा विधायक पी. एन. पाठक के लखनऊ स्थित आवास पर आयोजित एक कार्यक्रम में कथित रूप से भाजपा के ब्राह्मण बिरादरी के विधायकों की बैठक हुई थी। इसमें पूर्वांचल और बुंदेलखंड के करीब 40 विधायकों ने हिस्सा लिया था। इस बैठक का कोई ब्यौरा नहीं मिल सका है, मगर इसे लेकर तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं। जब इस बैठक की खबर सामने आई तो प्रदेश अध्यक्ष पंकज चौधरी ने इसे अस्वीकार्य गतिविधि करार दे दिया। जिसके बाद विधायक सिर्फ नाराज नहीं हुए बल्कि उन्होंने कई तरह के सवाल भी उठाने शुरू कर दिए।

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उठ रहे ये सवाल 
ये मामला अब तूल पकड़ रहा है। सोशल मीडिया पर एक बहस छिड़ गई है। सवाल उठाए जा रहे है कि जब पहले कुर्मी या ठाकुर बिरादरी के नेता इसी तरह एकजुट हुए थे तब ऐसी फटकार क्यों नहीं आई? क्या भाजपा में ब्राह्मणों की आवाज उठाना अब अनुशासनहीनता बन गया है? सपा नेता पवन पांडे और कांग्रेस ने भी इसे ब्राह्मणों का अपमान बताकर मुद्दे को हवा दे दी है। 

दो गुटों में बंट गए बीजेपी के ब्राह्मण नेता
इस मामले के बढ़ जाने के बाद अब भाजपा के ब्राह्मण नेता ही अब दो गुटों में बंट गए हैं। झांसी से भाजपा विधायक रवि शर्मा ने खुलकर प्रदेश अध्यक्ष के फैसले पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने तर्क दिया कि ऐसी बैठकें तो पार्टी को मजबूत करती हैं। हम जनता की अपेक्षाओं और उनके साथ होने वाले अन्याय पर चर्चा करने बैठे थे। इसमें किसी की खिलाफत नहीं थी। उनका कहना है कि सोशल इंजीनियरिंग के इस दौर में अपनी बिरादरी की बात करना गलत नहीं है। वहीं, देवरिया के बरहज से विधायक दीपक मिश्रा शाका ने प्रदेश अध्यक्ष का समर्थन किया है। उन्होंने कहा है कि अगर आपको जातिगत राजनीति ही करनी है तो राजनीति छोड़ दीजिए। हम पहले विधायक हैं फिर किसी जाति के है। 


 

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