Edited By Ajay kumar,Updated: 23 Mar, 2023 05:29 PM

नवरात्र के मौके पर मंदिरों में दुर्गासप्तशती और रामचरित मानस के पाठ का आयोजन के जरिए भाजपा हिन्दुओं खासकर दलितों को अपने मंच पर लाने की कवायद में जुट गई है। अगले साल लोकसभा चुनाव होने के मद्देनजर भाजपा के इन प्रयासों के राजनीतिक मायने निकाले जा रहे...
लखनऊ: लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) ने तैयारियां तेज कर दी हैं। नवरात्र के मौके पर मंदिरों में दुर्गासप्तशती और रामचरित मानस के पाठ का आयोजन के जरिए भाजपा हिन्दुओं खासकर दलितों को अपने मंच पर लाने की कवायद में जुट गई है। अगले साल लोकसभा चुनाव होने के मद्देनजर भाजपा के इन प्रयासों के राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं। इसके साथ ही आरएसएस ने वर्ष प्रतिपदा पर विभिन्न आयोजन किए हैं।

भाजपा के प्रदेश नेतृत्व ने सभी जिला अध्यक्षों को दिए निर्देश
इस आदेश पर भाजपा के प्रदेश नेतृत्व ने सभी जिला अध्यक्षों को निर्देश दिए हैं कि वे बूथ व मंडल स्तर पर कमेटियां गठित कर उनमें दलितों और पिछड़ों को समुचित प्रतिनिधित्व दें। ये समितियां अपने क्षेत्रों में नौ दिनों तक रामचरित्र मानस और दुर्गासप्तशती का पाठ कराएंगी। दरअसल, रामचरित मानस पर सियासी विवाद के बाद राज्य सरकार ने बुधवार से शुरू हुए नवरात्र पर्व व चैत्र रामनवमी के दौरान मंदिरों एवं शक्तिपीठों में रामायण एवं दुर्गा सप्तशती का पाठ कराने का निर्देश जारी किया है। इस आयोजन के लिए सरकार हर जिले को एक लाख रुपए भी देने जा रही है।
मानस विरोधी बयानों को थोथा साबित करने की कोशिश
शक्तिपीठों एवं मंदिरों में आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में भाजपा का जोर खासकर दलित महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने पर भी है। दरअसल, भाजपा सरकार के इस फैसले से जुड़कर रामचरित्र मानस और दुर्गासप्तशती का पाठ का आयोजन कराकर सपा और उसके नेताओं के बयानों को थोथा साबित करना चाहती है। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरित्र मानस की चौपाइयों की निंदा की थी। मौर्य के चौपाइयों पर आ रहे लगातार बयानों पर अखिलेश की चुप्पी को भाजपा ने चुनावी मुद्दा बना लिया है।

संघ ने मनाया प्रतिपदा वर्ष
इसी के साथ राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) बुधवार को हिन्दु नव वर्ष को प्रतिपदा वर्ष के रूप में मना रही है। बुधवार को ही संघ के आरा सरसंघचालक डा. केशव राव बलिराम हेडगेवार का जन्मदिवस भी है। झूलेलाल जयंती भी है। इसलिए बुधवार को संघ की शाखाओं से लेकर क्षेत्रीय स्तर पर प्रतिपदा वर्ष मनाया गया। अगले नौ दिनों तक भी संघ के स्वयंसेवक दलित बस्तियों में जाकर वहा देवी के पूजन का आयोजन करेंगे।