योगी कैबिनेट का बड़ा ऐलान- गाजियाबाद-प्रयागराज और आगरा में पुलिस कमिश्नरी व्यवस्था लागू

Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 25 Nov, 2022 11:28 AM

big announcement of yogi cabinet police commissionerate

यूपी में योगी सरकार की कैबिनेट का बड़ा फैसला किया गया है। गाजियाबाद-प्रयागराज और आगरा में पुलिस कमिश्नरी व्यवस्था लागूउत्तर प्रदेश कैबिनेट की बैठक में 18 प्रस्तावों को मंजूरी मिली है। कैबिनेट ने तीन नए जिलों में क...

लखनऊ (अश्वनी सिंह): यूपी में योगी सरकार की कैबिनेट का बड़ा फैसला किया गया है। गाजियाबाद-प्रयागराज और आगरा में पुलिस कमिश्नरी व्यवस्था लागूउत्तर प्रदेश कैबिनेट की बैठक में 18 प्रस्तावों को मंजूरी मिली है। कैबिनेट ने तीन नए जिलों में कमिश्नरेट बनाने को मंजूरी दी। अब आगरा, प्रयागराज और गाजियाबाद में कमिश्नरी सिस्टम लागू होगा। बता दें कि कैबिनेट की बैठक में 18 प्रस्तावों को मंजूरी मिली है। कैबिनेट ने तीन नए जिलों में कमिश्नरेट बनाने को मंजूरी दी। अब आगरा, प्रयागराज और गाजियाबाद में कमिश्नरी सिस्टम लागू होगा।

उत्तर प्रदेश कैबिनेट में प्रस्तावों को मंजूरी मिली:-

-3 नए जिलों में कमिश्नरेट बनाने का फैसला मंजूर।
- आगरा, प्रयागराज और गाजियाबाद में अब कमिश्नरी सिस्टम होगा।
- एडीजी रैंक का अफसर कमिश्नर होगा।
- लॉ एंड ऑर्डर की पूरी व्यवस्था पुलिस के हाथ में होगी।
- उत्तर प्रदेश के अब 7 जिलों में कमिश्नर सिस्टम लागू होगा।
- उत्तर प्रदेश में नैमिषारण्य तीर्थ विकास बोर्ड का भी गठन होगा।
- 2 दर्जन से अधिक बस अड्डे का संचालन पीपीपी के माध्यम से किया जाएगा।

इसके अलावा बैठक में उत्तर प्रदेश में नैमिषारण्य तीर्थ विकास बोर्ड का भी गठन व दो दर्जन से अधिक बस अड्डे का संचालन पीपीपी के माध्यम से किये जाने का फैसला किया गया। गाजियाबाद, दिल्ली-एनसीआर से सटा जिला है। वहां की आबादी भी ज्यादा है। इतना ही नहीं, वहां की कानून व्यवस्था पर लगातार सवाल उठते रहे हैं। वहीं, प्रयागराज जैसे बड़े जिले में भी आबादी अधिक है। धार्मिक और व्यावसायिक दृष्टि से भी यह शहर काफी महत्वपूर्ण है। यहां हाईकोर्ट होने से संवेदनशीलता और बढ़ जाती है। यही वजह है कि प्रयागराज में कमिश्नरेट प्रणाली की जरूरत बनी हुई थी। इसी तरह आगरा आबादी, कारोबार, पर्यटन के हिसाब से बड़ा शहर है।

इससे पहले 13 जनवरी 2020 को यूपी में सबसे पहले लखनऊ और नोएडा में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू हुई थी। लखनऊ में सुजीत पांडे और नोएडा में आलोक सिंह को पहला पुलिस कमिश्नर बनाया गया था। 26 मार्च 2021 को दूसरे चरण में कानपुर और वाराणसी में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू हुई थी। कानपुर में विजय सिंह मीणा और वाराणसी में ए सतीश गणेश को पुलिस कमिश्नर बनाया गया था। उत्तर प्रदेश में अब 7 महानगरों में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू हो चुकी है।

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