Edited By Ramkesh,Updated: 07 Sep, 2024 12:45 PM
उत्तर प्रदेश के सुलतानपुर में हाल ही में एक सर्राफा कारोबारी की दुकान में डकैती के आरोपी मंगेश यादव के पुलिस मुठभेड़ में मारे जाने पर अखिलेश के आरोपों के जवाब में प्रदेश के कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता ‘नंदी' ने कहा कि ‘‘विरासत में गद्दी मिल सकती...
प्रयागराज: उत्तर प्रदेश के सुलतानपुर में हाल ही में एक सर्राफा कारोबारी की दुकान में डकैती के आरोपी मंगेश यादव के पुलिस मुठभेड़ में मारे जाने पर अखिलेश के आरोपों के जवाब में प्रदेश के कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता ‘नंदी' ने कहा कि ‘‘विरासत में गद्दी मिल सकती है, बुद्धि नहीं।'' यहां सर्किट हाउस में एक बैठक के बाद मंत्री ने अखिलेश के बयान पर पलटवार करते हुए संवादददाताओं से कहा, ‘‘वर्ष 2012 में उनके (अखिलेश) पिता मुलायम सिंह को जनादेश मिला था।
अखिलेश के शासन काल में सरकारी नौकरियों में बोलियां लगती थी
उन्होंने अपने बेटे को गद्दी सौंपी। मैं यही कह सकता हूं कि विरासत में गद्दी मिल सकती है बुद्धि नहीं।'' नंदी ने आरोप लगाया, ‘‘अखिलेश यादव की सरकार में 100 करोड़ रुपये की सड़क का 200 करोड़ रुपये का डीपीआर तैयार कराया जाता था और 100 करोड़ रुपये पार्टी फंड में ले लिया जाता था। नौकरियों में बोलियां लगती थीं जिसमें कुछ ही जिलों के यादवों को छूट थी और बाकी यादव लोगों को पूरा पैसा देना पड़ता था।''
नकली मुठभेड़ रक्षक को भक्षक बना देती हैं- अखिलेश
अखिलेश यादव ने बृहस्पतिवार को ‘एक्स' पर एक पोस्ट में लिखा था, ‘‘लगता है कि सुलतानपुर की डकैती में शामिल लोगों का सत्ता पक्ष से गहरा नाता था। इसीलिए तो नकली मुठभेड़ से पहले मुख्य आरोपी से संपर्क साधकर आत्मसमर्पण करा दिया गया और अन्य सपक्षीय लोगों के पैरों में सिर्फ दिखावटी गोली मारी गई और ‘जात' देखकर जान ली गई।'' उन्होंने लिखा था, ‘‘जब मुख्य आरोपी ने आत्मसमर्पण कर दिया तो लूट का सारा माल भी पूरा वापस होना चाहिए और सरकार को मुआवजा अलग से देना चाहिए। नकली मुठभेड़ रक्षक को भक्षक बना देती हैं। समाधान नकली मुठभेड़ नहीं, असली कानून व्यवस्था है।