राष्ट्रपति के अयोध्या आगमन से संत समाज में खुशी की लहर, बोले- ये गौरव की बात

Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 28 Aug, 2021 06:01 PM

there was a wave of happiness in the saint society due to

मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की जन्मस्थली अयोध्या में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के आगमन पर संत धर्माचार्यों ने स्वागत किया है। रामनगरी के संत धर्माचार्यों ने कहा कि कोविंद का अयोध्या आगमन संत समाज के लिए प्रसन्नता का विषय है। अयोध्या का गौरव भी...

अयोध्या: मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की जन्मस्थली अयोध्या में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के आगमन पर संत धर्माचार्यों ने स्वागत किया है। रामनगरी के संत धर्माचार्यों ने कहा कि कोविंद का अयोध्या आगमन संत समाज के लिए प्रसन्नता का विषय है। अयोध्या का गौरव भी लौट रहा है। वर्षों तक उपेक्षित रही अयोध्या पर अब पूरे विश्व का निगाह है। श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष एवं मणिरामदास छावनी के महंत नृत्यगोपाल दास के उत्तराधिकारी महंत कमल नयन दास ने कहा कि राम मंदिर के साथ राष्ट्र मंदिर का निर्माण हो रहा है। हर कोई इस क्षण का गवाह बनना चाहता है। इसलिए सभी अयोध्या की ओर खिंचे चले आ रहे हैं। यही अयोध्या की धार्मिक महिमा भी रही है जो सबको आकर्षित करती है। राष्ट्रपति का रामनगरी की गरिमा के अनुकूल स्वागत और सम्मान किया जाएगा।       

जगद्गुरू डॉ. राघवाचार्य ने कहा कि एक वह दिन था जब तमाम हस्तियां अयोध्या आने से बचती थीं, लेकिन अब समय बदल गया है। वर्षों तक उपेक्षित रही भगवान राम की जन्मस्थली का राम मंदिर निर्माण के साथ ही गौरव लौट रहा है। उन्होंने कहा कि हर वर्ग के लोग अयोध्या आने को उत्सुक हैं। एक साल के भीतर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बाद राष्ट्रपति का आगमन हो रहा है। यह अयोध्या के वैभव की पुन: स्थापना का संकेत है। जगद्गुरू रत्नेश प्रपन्नाचार्य भी उत्साहित होकर कहते हैं कि अब पूरे विश्व की निगाह अयोध्या पर है। देश के राष्ट्रपति का अयोध्या की धरती पर आना हम सबके लिये गौरव की बात है। उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी खुशी यह है कि अपनी समृद्ध संस्कृति, परम्परा, आध्यात्मिकता के लिये प्रसिद्ध रामनगरी अपने गौरव के शिखर को स्पर्श करने को कदमताल करती दिख रही है। 

पौराणिक पीठ नाका हनुमानगढ़ी के महंत रामदास ने कहा कि हमने अयोध्या की उपेक्षा भी देखी है और अब हम अयोध्या के गौरव की पुन: स्थापना के गवाह भी बन रहे हैं यह हमारे लिये सौभाग्य की बात है। उन्होंने कहा कि अतिथि देवो भव की परम्परा के अनुरूप जिस प्रकार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का अभिनंदन अयोध्या ने किया था उसी तरह राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का ऐतिहासिक स्वागत किया जायेगा। बिहार विश्वविद्यालय के कुलगीत रचियता अयोध्या पर शोध करने वाले डा. हरिप्रसाद दूबे कहते हैं कि राष्ट्रपति का आगमन रामनगरी के उत्कर्ष का संकेत है। अयोध्या के जिस स्वरूप की कल्पना पुराणों, शास्त्रों में की गयी है वह कल्पना अब धीरे-धीरे मूर्त रूप लेती नजर आ रही है। यह हम सभी के लिये गौरव बोध का विषय है कि हम इसके साक्षी बन रहे हैं। 

सामाजिक कार्यकर्ता आशीष मिश्रा भी अयोध्या के गौरव के पुन: उत्थान से प्रसन्न हैं। उन्होंने कहा कि राम मंदिर निर्माण के साथ-साथ अयोध्या वैश्विक पर्यटन का केन्द्र बनने को अग्रसर है। देश के सर्वोच्च पद पर आसीन राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल, मुख्यमंत्री जब अयोध्या आने लगे तो यह संकेत है कि रामनगरी अब शीघ्र ही दुनिया के प्रतिष्ठित शहरों में शामिल होने जा रहा है। 


 

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