कानपुर में कुदरत का करिश्मा! जुड़वा भाइयों के फिंगरप्रिंट-रेटिना एक जैसे—आधार सिस्टम भी तीन बार हो गया फेल

Edited By Anil Kapoor,Updated: 24 Dec, 2025 07:36 AM

twin brothers have identical fingerprints and retinas aadhaar failed

Kanpur News: कुदरत के रहस्य आज भी विज्ञान के लिए एक बड़ी चुनौती बने हुए हैं। तकनीक के इस दौर में भी प्रकृति कई बार ऐसे चौंकाने वाले करिश्मे दिखा देती है, जिन्हें देखकर विशेषज्ञ भी हैरान रह जाते हैं। ऐसा ही एक दुर्लभ मामला उत्तर प्रदेश के कानपुर से...

Kanpur News: कुदरत के रहस्य आज भी विज्ञान के लिए एक बड़ी चुनौती बने हुए हैं। तकनीक के इस दौर में भी प्रकृति कई बार ऐसे चौंकाने वाले करिश्मे दिखा देती है, जिन्हें देखकर विशेषज्ञ भी हैरान रह जाते हैं। ऐसा ही एक दुर्लभ मामला उत्तर प्रदेश के कानपुर से सामने आया है, जहां जुड़वा भाइयों के फिंगरप्रिंट और आंखों की रेटिना इतनी ज्यादा मिलती-जुलती पाई गई कि बायोमेट्रिक सिस्टम तक भ्रमित हो गया।

आधार अपडेट में आई बड़ी परेशानी
कानपुर निवासी जुड़वा भाई प्रबल मिश्रा और पवित्र मिश्रा का मामला इन दिनों चर्चा में है। बायोमेट्रिक जांच के दौरान दोनों भाइयों के फिंगरप्रिंट और रेटिना पैटर्न लगभग एक जैसे रिकॉर्ड हो रहे हैं। स्थिति यह है कि अगर प्रबल की जगह पवित्र फिंगरप्रिंट देता है, तो सिस्टम प्रबल की पहचान खोल देता है। इसी कारण आधार कार्ड अपडेट के समय बड़ी समस्या सामने आई। जब एक भाई का आधार अपडेट किया गया, तो दूसरे भाई का आधार कार्ड अपने आप अमान्य हो गया। यह घटना एक बार नहीं, बल्कि तीन बार दोहराई जा चुकी है।

आधार विशेषज्ञों के सामने खड़ी हुई चुनौती
इस अनोखे मामले ने आधार से जुड़े अधिकारियों और तकनीकी विशेषज्ञों को भी सोचने पर मजबूर कर दिया है। सवाल यह है कि जब दोनों भाइयों के बायोमेट्रिक डेटा लगभग एक जैसा है, तो उन्हें अलग-अलग पहचान कैसे दी जाए। विशेषज्ञों के मुताबिक आमतौर पर जुड़वा बच्चों के फिंगरप्रिंट 55 से 74 प्रतिशत तक मिलते-जुलते होते हैं, लेकिन इस मामले में समानता लगभग 100 प्रतिशत के करीब बताई जा रही है, जो बेहद दुर्लभ है। इसी वजह से इस पूरे मामले की गहन जांच की जरूरत बताई जा रही है।

तीन बार कोशिश, फिर भी नहीं सुलझी समस्या
जुड़वा भाइयों के पिता पवन मिश्रा ने बताया कि जब दोनों बेटे 10 साल के हुए, तब वह आधार सेंटर पर उनका आधार अपडेट कराने पहुंचे थे। शुरुआत में दोनों का आधार अपडेट कर दिया गया, लेकिन कुछ दिनों बाद पता चला कि सिर्फ एक ही बच्चे का आधार वैध है। जब वह दोबारा सेंटर पहुंचे और शिकायत की, तो दूसरे भाई का आधार अपडेट किया गया। इसके बाद पहले भाई का आधार रद्द हो गया। ऐसा तीन बार हुआ। जब उन्होंने कारण पूछा, तो कर्मचारियों ने बताया कि दोनों बच्चों के फिंगरप्रिंट और रेटिना एक जैसे होने के कारण सिस्टम गड़बड़ा रहा है।

फिलहाल यह मामला कानपुर ही नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बना हुआ है और इसे कुदरत का एक दुर्लभ और हैरान कर देने वाला करिश्मा माना जा रहा है।
 

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