Edited By Anil Kapoor,Updated: 24 Dec, 2025 07:03 AM

Gorakhpur News: गोरखपुर में कड़ाके की ठंड के बीच एक बेहद भावुक कर देने वाला दृश्य देखने को मिला, जब एक 4–5 साल की बच्ची अपने पिता का हाथ पकड़कर जिलाधिकारी कार्यालय के गेट पर पहुंच गई। नन्ही बच्ची के कंधों पर स्कूल बैग नहीं था, लेकिन आंखों में एक...
Gorakhpur News: गोरखपुर में कड़ाके की ठंड के बीच एक बेहद भावुक कर देने वाला दृश्य देखने को मिला, जब एक 4–5 साल की बच्ची अपने पिता का हाथ पकड़कर जिलाधिकारी कार्यालय के गेट पर पहुंच गई। नन्ही बच्ची के कंधों पर स्कूल बैग नहीं था, लेकिन आंखों में एक बड़ा सपना साफ झलक रहा था—डीएम बनने का सपना।
'मुझे डीएम सर से ही मिलना है'
इस बच्ची का नाम जिज्ञासा है, जो गोरखपुर के एक प्रतिष्ठित स्कूल में यूकेजी की छात्रा है। सोमवार, 22 दिसंबर को वह स्कूल जाने के बजाय अपने पिता के साथ सीधे डीएम कार्यालय पहुंच गई। जब कर्मचारियों ने उससे पूछा कि बेटा, क्या काम है, तो उसका जवाब सुनकर सभी हैरान रह गए। मासूमियत से उसने कहा—'मुझे डीएम सर से मिलना है, उन्हीं से काम है।' पहले तो कर्मचारियों को लगा कि शायद बच्ची किसी आवेदन या शिकायत के सिलसिले में आई होगी, लेकिन जब उसके पिता से बात हुई तो सच्चाई सामने आई। जिज्ञासा आज स्कूल नहीं जाना चाहती थी, बल्कि उसकी जिद थी कि वह डीएम से मिलेगी।
बात पहुंची जिलाधिकारी तक
बच्ची के आत्मविश्वास और जिद ने कर्मचारियों को भी प्रभावित कर दिया। मामला जिलाधिकारी दीपक मीणा तक पहुंचा। उन्होंने बिना किसी औपचारिकता के बच्ची को अपने कार्यालय में बुलाने के निर्देश दिए। जैसे ही जिज्ञासा डीएम के कमरे में पहुंची, सरकारी दफ्तर का गंभीर माहौल अचानक बदल गया। ठंड और व्यस्तता के बीच एक नन्ही आवाज गूंजी—'मुझे डीएम बनना है।'
डीएम दीपक मीणा ने मुस्कराते हुए पूछा कि बेटा, मुझसे क्यों मिलना है? जिज्ञासा ने बिना झिझक जवाब दिया—'मुझे डीएम बनना है, आप जैसा बनना है।' यह सुनकर कमरे में मौजूद सभी लोगों के चेहरे खिल उठे।
डीएम की सीख: सपने देखो, पढ़ाई से पूरे करो
डीएम दीपक मीणा ने जिज्ञासा से बेहद स्नेहपूर्वक बातचीत की। उन्होंने पूछा कि क्या वह रोज स्कूल जाती है। इस पर बच्ची ने मासूमियत से बताया कि आज वह स्कूल नहीं गई है। डीएम ने मुस्कराकर कहा कि अगर तुम्हें मेरे जैसा बनना है, तो सबसे पहले रोज स्कूल जाना होगा, खूब पढ़ना-लिखना होगा। तभी तुम भी डीएम बन पाओगी। उन्होंने बच्ची को पढ़ाई के साथ अनुशासन का महत्व भी समझाया। जिज्ञासा डीएम की बातें बड़े ध्यान से सुनती रही और बार-बार सिर हिलाकर हामी भरती दिखी।
पिता की आंखों में गर्व
इस मुलाकात के दौरान जिज्ञासा के पिता भावुक नजर आए। उन्होंने बताया कि उनकी बेटी अक्सर टीवी पर डीएम या आईएएस अधिकारियों को देखकर सवाल करती है और कहती है कि वह भी यही बनना चाहती है। आज उसी जिद और सपने ने उसे कड़ाके की ठंड में डीएम ऑफिस तक पहुंचा दिया। इस खास मुलाकात का वीडियो किसी ने मोबाइल में रिकॉर्ड कर लिया, जो देखते ही देखते सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। वीडियो में जिज्ञासा की मासूम आवाज और डीएम का स्नेहपूर्ण व्यवहार लोगों के दिलों को छू रहा है।