अमरोहा में बेटी की झूठी हत्या में फंसाने वाला थाना प्रभारी निलंबित

Edited By Ajay kumar,Updated: 08 Aug, 2020 06:26 PM

station in charge of false murder of daughter in amroha suspended

उत्तर प्रदेश के अमरोहा में प्रेमी के संग फरार होने के बाद युवती की हत्या के झूठे मुकदमे में पिता-भाई और एक रिश्तेदार पिछले आठ माह से जेल काट रहे हैं।

अमरोहाः उत्तर प्रदेश के अमरोहा में प्रेमी के संग फरार होने के बाद युवती की हत्या के झूठे मुकदमे में पिता-भाई और एक रिश्तेदार पिछले आठ माह से जेल काट रहे हैं। आनर किलिंग में सात महिने बाद भी उनकी जमानत नहीं हो सकी है। हत्याकांड के झूटे पर्चों में दर्ज पुलिस की झूठी स्क्रिप्ट जमानत नहीं होने दे रही है। अब जब लडकी जिंदा मिल गई है तो पुलिस में हडकंप मचा है।

पुलिस अधीक्षक ने लोगों के विरोध के बाद तत्कालीन इंस्पेक्टर अशोक शर्मा को शुक्रवार रात को निलंबित कर दिया है। भारतीय किसान यूनियन और अन्य समाजसेवी संगठन दोषी पुलिस अधिकारियों के आपराधिक कृत्य के लिए गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं।       

वरिष्ठ अधिवक्ता गजेंद्र सिंह ने बताया है कि संबंधित मामले के विवेचक की ओर से दोषपूर्ण विवेचना की गई है। जो अक्षम्य है, जो तीन निर्दोष लोग सात महीने से जेल में बंद हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि जिस बाप ने बेटी की हत्या की ही नहीं, और गोली चली ही नहीं तब उसकी निशानदेही पर पुलिस ने तमंचा कहां से बरामद कर लिया, जिन कपडों को पहन कर लडकी फरार हुई थी, वही कपडे पुलिस को कहां से मिल गए। जंगल में किसने रखे कपडे, तमंचा और कारतूस,विवेचना में लापरवाही बरतने पर पुलिसकर्मियों पर क्या कार्यवाही होगी। लापता लडकी की हत्या, शव को बोरी में बंद कर मिट्टी से भरकर गंगा में फेंकना क्या ये सब पुलिस की सोची समझी लिखी गई स्क्रिप्ट थी। इस दौरान उनको जो सामाजिक, मानसिक तथा शारिरिक क्षति पहुंची है, उसकी भरपाई संभव नहीं है।              

उन्होंने कहा कि अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कारर्वाई के अतिरिक्त झूटे अभियोग में फंसाने के लिये दंडित किया जाना चाहिए। इसके अलावा इस मामले में जो गवाह हैं उनके खिलाफ भी झूटी गवाही देने की सजा भी मुकरर्र होनी चाहिये।

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