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Sambhal Riots 1978: मुलायम सरकार ने संभल दंगे के 8 मुकदमे लिए थे वापस,  DM को लिखा पत्र अब आया सामने... अब पीड़ितों ने लगाई ये गुहार

Edited By Mamta Yadav,Updated: 20 Jan, 2025 05:00 PM

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उत्तर प्रदेश के संभल लगातार सुर्खियों में है। इसी बीच पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह सरकार का एक पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हुआ जिसमें की 1978 के दंगे में 16 केस दर्ज किए गए थे उसमें से 8 केस मुलायम सिंह यादव ने वापस लिए थे।

Sambhal Riots: उत्तर प्रदेश के संभल लगातार सुर्खियों में है। इसी बीच पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह सरकार का एक पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हुआ जिसमें की 1978 के दंगे में 16 केस दर्ज किए गए थे उसमें से 8 केस मुलायम सिंह यादव ने वापस लिए थे।
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बता दें कि 1993 में तत्कालीन विशेष सचिव न्याय आरडी शुक्ला की तरफ से यह पत्र मुरादाबाद डीएम को लिखा गया था। हालांकि मुरादाबाद जिला प्रशासन ने इस पत्र की पुष्टि नहीं की है। 1978 के दंगों में बलवा, आगजनी और लूटपाट जैसे गंभीर आरोप थे। इन मामलों में रिजवान, मुनाजिर, मिंजार और इरफान जैसे मुस्लिम आरोपी थे। बनवारी लाल गोयल के खंडसारी कारखाने में लूटपाट, आगजनी और करीब 20 हिंदुओं की हत्या कर शवों को जलाने के आरोप भी शामिल थे। 23 दिसंबर 1993 के इस पत्र के अनुसार, दंगों के केस वापस लेने का प्रस्ताव था। पत्र वायरल होने के बाद, तत्कालीन हिंदू दंगा पीड़ितों ने 1995 तक केस चलने की बात कही है। वे उस समय मिले मुआवजे को बेहद कम बता रहे हैं और आरोपियों के कोर्ट से छूट जाने की बात भी कह रहे हैं।

किसी को चाकुओं से गोदा, किंसी को जिंदा जलाया...खौफनाक था मंजर
वहीं इस दंगे में मारे गए पीड़ित के परिजनों ने बताया कि संभल में सांप्रदायिक दंगों का तूफान चल रहा था। सांप्रदायिक तनाव के रूप में शुरू हुआ विवाद जल्द ही क्षेत्र के सबसे विनाशकारी दंगों में से एक में बदल गया, किसी को चाकुओं से गोदा, किंसी को जिंदा जलाया गया  जिसमें 184 लोग मारे गए, जिनमें 180 हिंदू और इस दंगे में जामा मस्जिद के इमाम मुहम्मद हुसैन की साल 1976 में दंगे में हत्या भी हुई थी।

पीड़ितों को आज तक नहीं मिला इंसाफ 
पीड़ित विष्णु रस्तोगी ने बताया कि 29 मार्च 1978 को सूर्योदय के साथ सांप्रदायिक दंगे की आग सुलग चुकी थी। मार-काट शुरू हो गई। आगजनी में शहर जल उठा। हिंदुओं के व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को आग लगा दी। फायरिंग, लाठियां, लोहे के सरियों के साथ तरह-तरह के हथियार चलाए जा रहे थे। 1978 के हिंसा के पीड़ितों का कहना है कि जिस तरह से आज यह मुलायम सिंह द्वारा का लेटर दिया गया था उसे मुकदमे वापसी के दर से लेकिन आज तक हमें इंसाफ नहीं मिला और आज यह भी खुलकर सामने आया कि किस तरह से हमारा उत्पीड़न किया गया था। उन्होंने कहा कि हमें इंसाफ चाहिए, योगी मोदी से अपील की कि दोबारा जांच हो।

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