Ayodhya: राम मंदिर भवन निर्माण समिति की बैठक में प्रगति की समीक्षा, चंपत राय बोले- नेपाल से रवाना हुई गंडकी नदी की विशेष चट्टानें

Edited By Mamta Yadav,Updated: 28 Jan, 2023 09:59 PM

review of progress in the meeting of ram mandir building construction committee

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के अयोध्या (Ayodhya) में शनिवार से राम मंदिर भवन निर्माण समिति (Ram Mandir Building Construction Committee) की दो दिवसीय बैठक शुरू हुई। निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा (Nripendra Mishra) ने बैठक की अध्यक्षता की...

अयोध्या: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के अयोध्या (Ayodhya) में शनिवार से राम मंदिर भवन निर्माण समिति (Ram Mandir Building Construction Committee) की दो दिवसीय बैठक शुरू हुई। निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा (Nripendra Mishra) ने बैठक की अध्यक्षता की और ट्रस्ट के सचिव चंपत राय (Champat Rai) तथा ट्रस्टी अनिल मिश्रा (Anil Mishra) ने भी इसमें हिस्सा लिया। ट्रस्ट सूत्रों के अनुसार बैठक में मंदिर निर्माण की प्रगति की समीक्षा की गई और गर्भगृह में स्थापित होने वाली रामलला की नई मूर्ति की नक्काशी तथा प्रतिमा स्थापित किए जाने पर भी चर्चा हुई। निर्माण समिति की पिछली बैठक पांच जनवरी को हुई थी और एक महीने में यह दूसरी बैठक थी।

यह भी पढ़ें- UP MLC Election 2023: बीजेपी और सपा के बीच कड़ा मुकाबला, 30 जनवरी को डाले जाएंगे वोट
 
PunjabKesari
ट्रस्ट के सचिव चंपत राय ने कहा, "मंदिर निर्माण से जुड़े मुद्दों पर चर्चा हुई और यह बैठक रविवार को भी जारी रहेगी।" इस बीच, राम जन्मभूमि पर रामलला की मूर्ति को तराशने में इस्तेमाल होने वाली नेपाल की गंडकी नदी की विशेष चट्टानें बृहस्पतिवार को अयोध्या पहुंचेंगी। इस पत्थर पर उकेरी गयी भगवान राम की बाल रूप की मूर्ति को राम मंदिर के गर्भगृह में रखा जाएगा, जो अगले साल जनवरी में मकर संक्रांति तक बनकर तैयार हो जाएगा। नेपाल के मुस्तांग जिले में शालीग्राम या मुक्तिनाथ (शाब्दिक रूप से "मोक्ष का स्थान") के करीब एक स्थान पर गंडकी नदी में पाए गए छह करोड़ वर्ष पुराने विशेष चट्टानों से पत्थरों के दो बड़े टुकड़े बुधवार को नेपाल से रवाना कर दिये गये हैं जो बृहस्पतिवार को अयोध्या पहुंचेंगे।

यह भी पढ़ें- जनवरी 2024 में रामलला गर्भगृह में होंगे विराजमान, 11 महीने और प्रतीक्षा करें रामभक्त

PunjabKesari
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कार्यालय प्रभारी प्रकाश गुप्ता ने कहा, 'ये शालीग्राम शिलाएं छह करोड़ साल पुरानी हैं। विशाल शिलाएं दो अलग-अलग ट्रकों पर नेपाल से अयोध्या पहुंचेंगी। एक पत्थर का वजन 26 टन और दूसरे का वजन 14 टन है।" गुप्ता ने कहा, "विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय सचिव राजेंद्र सिंह पंकज बुधवार को नेपाल के मस्तंग जिले से दो पवित्र शिलाओं की खेप लेकर चल दिए हैं और उनके बृहस्पतिवार तक अयोध्या पहुंचने की उम्मीद है।

Related Story

Trending Topics

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!