उत्तर प्रदेश में जमाखोरों पर अंकुश लगाने की जिम्‍मेदारी जिलाधिकारियों को दी गई

Edited By PTI News Agency,Updated: 12 Oct, 2020 07:42 PM

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लखनऊ, 12 अक्‍टूबर (भाषा) उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्‍य में आलू, टमाटर और प्‍याज के भावों को नियंत्रित करने की जिम्‍मेदारी जिलाधिकारियों को सौंपी है।

लखनऊ, 12 अक्‍टूबर (भाषा) उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्‍य में आलू, टमाटर और प्‍याज के भावों को नियंत्रित करने की जिम्‍मेदारी जिलाधिकारियों को सौंपी है।

सरकार ने निर्देश दिया है कि जमाखोरी पर अंकुश लगाने के लिए जिलाधिकारी अपने स्तर से तत्काल आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करे। सरकारी प्रवक्‍ता ने सोमवार को यह जानकारी दी।

प्रवक्‍ता ने बताया कि इस सिलसिले में उद्यान विभाग द्वारा शासनादेश जारी किया गया है कि जिलों के निजी शीतगृहों में आलू भंडारण की अवधि 31 अक्टूबर, तक प्रभावी रखे। आलू प्याज व टमाटर की आवक एवं बिक्री के संबंध में प्रभावी कार्यवाही इस प्रकार सुनिश्चित करें कि इनकी जमाखोरी न हो सके।
कोविड-19 के संक्रमण के चलते एवं प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में जल भराव के कारण मौसमी हरी सब्जियों के उत्पादन प्रभावित होने से आलू एवं टमाटर के दाम में वृद्धि हुई है।

जिलाधिकारियों को यह भी कहा गया है कि जिला स्‍तर पर सभी हिताधारकों जैसे शीतगृह स्वामी, स्थानीय आढती, कृषक उत्पादक संगठन एवं उत्पादकों के साथ बैठक करें और बाजार भाव को नियंत्रित रखने की कार्यवाही सुनिश्चित करें।

उद्यान विभाग के अनुसार प्रदेश में एक अनुमान के अनुसार आलू की औसत खपत लगभग 6.5 लाख मीट्रिक टन रहती है। वर्तमान समय खरीफ का अन्तिम एवं रबी का प्रारंभ होने के कारण हरी सब्जियों की आवक बाजार से कम हो जाती है, जिससे आलू की खपत में वृद्धि होना स्वाभाविक है।


यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।

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