Edited By Pooja Gill,Updated: 04 Dec, 2024 02:35 PM
उत्तर प्रदेश के संभल में हुई हिंसा के बाद से पुलिस-प्रशासन बेहद सख्त चल रही है। संभल हिंसा के बीच सपा के प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को मुरादाबाद की जेल में बंद आरोपियों से मुलाकात की थी। जिसके बाद मुरादाबाद जेल प्रशासन पर योगी सरकार का हंटर चला है। इस...
लखनऊ : उत्तर प्रदेश के संभल में हुई हिंसा के बाद से पुलिस-प्रशासन बेहद सख्त चल रही है। संभल हिंसा के बीच सपा के प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को मुरादाबाद की जेल में बंद आरोपियों से मुलाकात की थी। जिसके बाद मुरादाबाद जेल प्रशासन पर योगी सरकार का हंटर चला है। इस मामले में शासन ने सख्त कार्रवाई करते हुए जेलर और डिप्टी जेलर को निलंबित कर दिया है। साथ ही जेल अधीक्षक के खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिए शासन से सिफारिश की गई है।
सूत्रों के मुताबिक सपा नेताओं को संभल हिंसा के आरोपियों से मुलाकात की अनुमति देने पर डिस्ट्रिक्ट जेल के जेलर पीपी सिंह और डिप्टी जेलर विक्रम सिंह यादव पर इस मामले में गाज गिरी है। दोनों अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया है। वहीं जेल अधीक्षक पीपी सिंह के खिलाफ विभागीय कार्यवाही शुरू करने के लिए शासन को लिखा गया है।
जेल मैनुअल का नहीं हुआ पालन
बता दें कि आरोपियों से समाजवादी पार्टी के विधायक नवाब जान, चौधरी समरपाल सिंह, पूर्व सांसद एसटी हसन के साथ कई सपा नेताओं ने जेल में मुलाकात की थी। मुलाकात के दौरान जेल मैनुअल का पालन नहीं किया गया था। आरोप है कि पूर्व सांसद एसटी हसन और विधायक नवाब जान के साथ कुछ नेताओं ने बिना पर्ची के ही हिंसा के आरोपियों से मुलाकात की थी।
नियमों का हुआ उलंघन
संभल में जिला जेल न होने की वजह से हिंसा के आरोपियों को मुरादाबाद की जेल में रखा गया है। नियमों के मुताबिक सांसद और विधायकों को अपने जिले की जेल में बंद कैदियों से मुलाकात करन के विशेष अधिकार दिए जाते हैं। लेकिन इन नेताओं ने नियमों का उलंघन करते हुए बिना पर्ची के आरोपियों से मुलाकात की।
क्या है पूरा मामला
संभल में 24 नवंबर को शाही जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर हिंसा भड़क गई थी। हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई थी। वहीं कई लोग गंभीर रूप से घायल भी हुए थे। इस मामले को लेकर सियासत की चिंगारियां हर दिन फैल रही हैं। सपा और कांग्रेस के नेता संभल जाने की जिद पर अड़े हुए हैं। लेकिन, प्रशासन की ओर से अब तक इसे लेकर अनुमति नहीं दी गई है। डीएम ने जिले में 10 दिसंबर तक बाहरी लोगों के आने-जाने पर रोक लगाई है।