Edited By Ajay kumar,Updated: 20 May, 2024 10:40 AM
उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन में कांग्रेस को जो 17 सीटें मिली हैं, उनमें सात सीटों पर चार चरणों में मतदान हो चुका है। पांचवें चरण में कांग्रेस के खाते वाली चारों सीटें अमेठी, रायबरेली, बाराबंकी और झांसी हैं, जिन पर सोमवार को वोट...
लखनऊः उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन में कांग्रेस को जो 17 सीटें मिली हैं, उनमें सात सीटों पर चार चरणों में मतदान हो चुका है। पांचवें चरण में कांग्रेस के खाते वाली चारों सीटें अमेठी, रायबरेली, बाराबंकी और झांसी हैं, जिन पर सोमवार को वोट पड़ेंगे। इसके बाद अगले दो चरणों में कांग्रेस को अपने हिस्से की आधा दर्जन सीटों पर चुनावी इम्तिहान देना है। ऐसे में बड़ा सवाल है कि 2014 में प्रदेश से दो और 2019 में एक सीट जीतने वाली कांग्रेस इस बार अपनी तालिका में कितना सुधार कर पाएगी।
कांग्रेस पांचवें चरण की चार सीटों में रायबरेली में राहुल गांधी की जीत के लिए आश्वस्त है, तो अमेठी में केएल शर्मा और बाराबंकी में तनुज पुनिया के बाद झांसी में प्रदीप जैन आदित्य के सीधी लड़ाई में होने से सकारात्मक अवसर देख रही है। इसके बाद बचे दो चरणों के चुनाव में कांग्रेस को सबसे ज्यादा उम्मीद प्रयागराज से हैं, जहां उसने रेवती रमण सिंह के बेटे उज्जवल रमण सिंह को मैदान में उतार रखा है। बांसगांव में सदल प्रसाद पिछली बार बसपा से चुनाव लड़कर दूसरे नंबर पर रहे थे, इस बार वह कांग्रेस के उम्मीदवार हैं। यहां पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष खरगे सभा करने गए थे।
देवरिया में कांग्रेस अपने राष्ट्रीय प्रवक्ता अखिलेश प्रताप सिंह की जीत का मौका देख रही है। महाराजगंज में कांग्रेस से उतरे वीरेंद्र सिंह ने मुकाबला त्रिकोणीय बना रखा है। सीतापुर से पार्टी ने राकेश राठौर पर दांव लगा रखा है। वाराणसी में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय चुनाव मैदान में हैं, लेकिन कांग्रेस यहां सिर्फ अपना आधार बनाए रखने की लड़ाई लड़ रही है।