Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 07 Oct, 2021 03:55 PM
सवैंधानिक पद पर रहते हुए धर्म प्रचार और अवैध धर्म परिवर्तन के आरोपी उत्तर प्रदेश के सीनियर IAS इफ्तिखारुद्दीन बुधवार को एसआईटी के सामने पेश हुए। इफ्तिखारुद्दीन से CBI मुख्यालय में लगभग 6 घंटे तक पूछताछ की गई। पूछताछ के दौरान उन्होंने अपने ऊपर लगे...
कानपुर: सवैंधानिक पद पर रहते हुए धर्म प्रचार और अवैध धर्म परिवर्तन के आरोपी उत्तर प्रदेश के सीनियर IAS इफ्तिखारुद्दीन बुधवार को एसआईटी के सामने पेश हुए। इफ्तिखारुद्दीन से CBI मुख्यालय में लगभग 6 घंटे तक पूछताछ की गई। पूछताछ के दौरान उन्होंने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को खारिज किया। वहीं, माना जा रहा है कि SIT इस मामले की सतह तक पहुंच चुकी है, जल्द ही इस मामले की रिपोर्ट यूपी सरकार को सौंप सकती है।
बता दें कि एसआईटी ने इफ्तिखारुद्दीन को नोटिस भेजकर मंगलवार शाम 5 बजे तक सीबीसीआईडी कार्यालय में अपना बयान दर्ज कराने के लिए कहा , लेकिन वह नहीं पहुंचे थे। जिसके बाद बुधवार को करीब साढ़े 12 बजे अपने दो रिश्तेदारों के साथ अपना बयान दर्ज कराने के लिए पहुंचे। इस दौरान एसआईटी ने वायरल वीडियो को दिखाकर उनसे पूछताछ की। साथ ही उनके द्वारा लिखी गई किताबों में आपत्तिजनक शब्दों पर भी सवाल किए गए। सूत्रों के मुताबिक 6 घंटे के पूछताछ के दौरान इफ्तिखारुद्दीन किसी भी सवाल का जवाब नहीं दे सकें और अपने ऊपर लगे आरोपों को खारिज करते रहें।
वायरल वीडियो पर IAS ने दी सफाई
सोशल मीडिया पर वायरल हुई तकरीरों वाले वीडियो पर इफ्तिखारुद्दीन ने सफाई देते हुए कहा कि तकरीर में में कोई गलत बात नहीं की गई है। उनके ऊपर लगाए गए आरोप निराधार है।कल्याणपुर की CTS बस्ती में उनकी किताब बंटवाने और लोगों को धर्मांतरण के लिए प्रेरित करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि इस मामले में हमें कोई जानकारी नहीं है। वहीं बताया जा रहा कि हर गंभीर सवालों से IAS मुंह फेरते रहें।
जानिए क्या है पूरा मामला?
बीते सप्ताह यूपीएसआरटीसी के चेयरमैन मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन के तकरीरों वाले वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद उन पर धर्म का पाठशाला चलाने का आरोप लगाया गया। जिसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर SIT गठित की गई। मामले की जांच के लिए डीजी (सीबीसीआईडी) जीएल मीणा और एडीजी भानु भास्कर की दो सदस्यीय एसआईटी बनाई गई। जांच के दौरान SIT को इस मामले से जुड़ी 65 वीडियो और 3 किताबें हाथ लगी। अधिकारियों के अनुसार इन किताबों में इस्लाम धर्म को सर्वोपरि और अन्य धर्मों को दरकिनार करने की बात कही गई है। वहीं, कई गवाहों के बयानों और किताबों में मिली आपत्तिजनक शब्दों के आधार पर टीम ने बयान दर्ज करने के लिए नोटिस जारी किया था। इस मामले बुधवार को हुई पूछताछ के दौरान एसआईटी के अध्यक्ष जीएल मीणा और एडीजी भानु भास्कर समेत पूरी टीम मौजूद रही।