Edited By Moulshree Tripathi,Updated: 11 Dec, 2020 12:09 PM
उत्तर प्रदेश कानपुर के बहुचर्चित बिकरू कांड में जांच की आंच में आए लोगों पर तलवार गिरती नजर आ रही है। इसी क्रम में मुख्य आरोपित विकास दुबे की चाकरी करने वाले शिवराजपुर...
कानपुरः उत्तर प्रदेश कानपुर के बहुचर्चित बिकरू कांड में जांच की आंच में आए लोगों पर तलवार गिरती नजर आ रही है। इसी क्रम में मुख्य आरोपित विकास दुबे की चाकरी करने वाले शिवराजपुर के ग्राम विकास अधिकारी अमित कटियार को भारी पड़ गया। एसआईटी की रिपोर्ट के आधार पर डीडीओ ने अधिकारी को निलंबित कर दिया है। बता दें कि दोनों के बीच फोन पर बातचीत के सबूत मिले थे। वीडीओ और विकास के बीच अच्छी केमस्ट्री थी।
बता दें कि अधिकारी के पास बिकरू समेत कई गांवों की जिम्मेदारी थी और पात्रों को लाभ नहीं मिल पाता था। एसआईटी ने जांच में पाया कि शासन की योजनाओं में विकास की ही मनमानी चलती थी। विकास अपने हिसाब से पात्रता सूची तय करता था। आरोप है कि अमित वही करते थे जो विकास कहता था। दुबे ही गांव में आवास, पेंशन, शौचालय की सूची तय करता था। चयन में विकास के अपने मानक थे। उसके दरबार में हाजिरी लगाने वाले लोगों को ही सरकारी योजनाओं का लाभ मिलता था।
जिला विकास अधिकारी जीपी गौतम के मुताबिक एसआईटी ने माना कि विकास की अमित से लगातार बातचीत होती थी। विकास अमित को निर्देश देता था। मामले की जांच बीडीओ घाटमपुर एसएन सिंह को दी गई है। वहीं बिकरू के कई लोगों ने एसआईटी के सामने बयान दर्ज कराया था। शासन ने सीडीओ को कार्रवाई के आदेश दिए थे। एसआईटी जांच में शिवराजपुर के बीडीओ आलोक पांडेय के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति की गई है।