चर्चित श्रवण साहू हत्याकांड में बड़ा फैसला, CBI की स्पेशल कोर्ट ने 8 दोषियों को सुनाई उम्रकैद की सजा

Edited By Ramkesh,Updated: 22 Aug, 2024 06:37 PM

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उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में 1 फरवरी 2017 को दुकान में घुसकर हुई श्रवण साहू हत्या में मामले में CBI की स्पेशल कोर्ट से 8 दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। दोषियों में अकील अंसारी,सत्यम पटेल,अमन सिंह, विवेक वर्मा,बाबू खान,अजय पटेल,रोहित मिश्रा...

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में 1 फरवरी 2017 को दुकान में घुसकर हुई श्रवण साहू हत्या में मामले में CBI की स्पेशल कोर्ट से 8 दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। दोषियों में अकील अंसारी,सत्यम पटेल,अमन सिंह, विवेक वर्मा,बाबू खान,अजय पटेल,रोहित मिश्रा एवं एक अन्य आरोपी को उम्रकैद की सजा सुनाई है।
 
क्या था मामला?
दरअसल,  सआतगंज के रहने वाले तेल व्यवसायी श्रवण कुमार साहू (50) अपनी दुकान पर बैठे थे। इसी दौरान पल्सर सवार दो बदमाश वहां आए और अंधाधुंध फायरिंग करते हुए श्रवण पर 5 गोलियां चलाईं। गोली उनके सिर में लगी। आरपी घटना के बाद  मौके से फरार हो गए। परिजनों ने इसकी सूचना पुलिस को दी। सूचना पर पहुंची पुलिस ने घायल को इलाज के लिए ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।

परिजनों ने सीबीआई जांच की उठाई थी मांग
 परिजनों ने घटना में यूपी पुलिस के मिलीभगत का आरोप लगया। उसके बाद यूपी सरकार ने श्रवण साहू हत्याकांड की जांच सीबीआई से करवाने को मंजूरी दे दी है। हालांकि इस मामले में राजधानी पुलिस ने हत्या की सुपारी देने वाले अकील समेत शूटर्स समेत पांच लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।

जानिए कौन थे श्रवण साहू?
दरअसल,  श्रवण साहू अपने जवान बेटे आयुष की हत्या की पैरवी कर रहे थे। आरोप है कि 16 अक्टूबर 2013 की रात अकील नाम के बदमाश ने पुलिस की शह पर आयुष की गोली मारकर हत्या कर दी थी। परिजनों ने बताया कि आयुष कैम्पलरोड स्थित बीयर शॉप में दोस्तों के साथ बियर पीने गया था। वहीं अकील भी बीयर पी रहा था। बताया जा रहा है कि दुकान में ठंडी एक ही बोतल बीयर बची थी जिसका आयुष ने पैसा दे कर ले लिया था, लेकिन अकील ने अपना दबदबा दिखाते हुए वह बोतल हासिल करने का प्रयास किया था। इस आयुष से उसकी कहा सुनी हो गई थी और अकील ने उसे मौके पर गोली मार दी थी। ताबड़तोड़ फायरिंग के दौरान आयुष की मौत हो गई थी। जिसे बाद पिता बेटे के केस की पैरवी कर रहे थे। उसके बदमाशों ने उसकी भी हत्या कर मौत के घाट उतार दिया था। मामले ने जब ने जब तूल पकड़ा तो सरकार ने केस को सीबीआई को सौंप दिया। जिसका नतीजा हुआ कि कोर्ट 8 आरोपियों को दोषी माना और उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई।


 

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